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एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से की बात

इस दौरान सिर्फ शामिल किए गए नए मंत्रियों को विभागों के आवंटन का मुद्दा फोकस में रहा।

By Neel RajputEdited By: Published: Mon, 06 Jul 2020 02:45 PM (IST)Updated: Mon, 06 Jul 2020 02:45 PM (IST)
एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से की बात
एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से की बात

भोपाल, पीटीआइ। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू से बात की। बता दें कि चौहान इन दिनों दिल्ली में हैं, यहां उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से मिले। चौहान ने हाल ही में मंत्रिपरिषद में 28 मंत्रियों को शामिल किया है।

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मुलाकात के दौरान कोई राजनीतिक टिप्पणी नहीं की गई, इस दौरान सिर्फ शामिल किए गए नए मंत्रियों को विभागों के आवंटन का मुद्दा फोकस में रहा। उपराष्ट्रपति के सचिवालय द्वारा किए गए ट्वीट के मुताबिक, "मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज नई दिल्ली में उपराष्ट्रपति श्री एम. वेंकैया नायडू से बात की।"

शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल का दूसरी बार विस्तार

बता दें कि पिछले हफ्ते में राज्य में शिवराज सरकार के मंत्रिमंडल का दूसरी बार विस्तार किया गया है। इस दौरान सिंधिया गुट को काफी तवज्जो दी गई, कुल 28 नए मंत्री बनाए गए हैं, इनमें से 12 सिंधिया के समर्थक हैं। हालांकि, मंत्रालय का आवंटन अभी तक नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि आज सभी मंत्रियों को मंत्रालय आवंटित किए जा सकते हैं।

कांग्रेस का सिंधिया पर निशाना

इस वक्त ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार कांग्रेस के निशाने पर हैं। कांग्रेस के नेता गोविंद सिंह ने एमपी के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से कहा है कि वो सिंधाया गुट के किसी भी मंत्री को राजस्व विभाग आवंटित न करें। उन्होंन आरोप लगाते हुए कहा है कि सिंधिया राजस्व मंत्री के माध्यम से, अपने ट्रस्ट को सरकारी जमीन आवंटित करा सकते हैं।

कांग्रेस नेता ने कहा, 'ग्वालियर उच्च न्यायालय में कलेक्टर अधिकारी ने सरकारी वकीलों के साथ सिंधिया के नाम पर सरकारी भूमि का उल्लेख किया था। उन्हें राजस्व मंत्री की मदद से अपने ट्रस्ट के नाम पर सरकारी भूमि मिली है। इसलिए मैंने मुख्यमंत्री से निवेदन किया है कि सिंधिया खेमे से राजस्व मंत्री का चुनाव न करें।' मुख्यमंत्री को साढ़े सात करोड़ लोगों के हित में सरकारी संपत्ति बचानी चाहिए। साथ ही, सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि 'आजादी के बाद सरकारी जमीन सिंधिया के परिवार द्वारा अतिक्रमण की गई थी।'


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