संसद के मानसून सत्र में प्रत्यक्ष रूप से भाग ले सकते हैं सांसद, इन खास नियमों का करना होगा पालन
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सत्र आयोजित करने के संबंध में विचार-विमर्श किया।
नई दिल्ली, प्रेट्र। संसद के दोनों सदनों के महासचिवों को शनिवार को आगामी मानसून सत्र के लिए जरूरी इंतजाम करने को कहा गया है, जिसमें सदस्य शारीरिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए प्रत्यक्ष रूप से भाग ले सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि लोकसभा और राज्यसभा के शीर्ष अधिकारियों को सूचित कर दिया गया है कि दोनों सदनों की बैठक उनके संबंधित चैंबरों से ही संचालित होने की संभावना है।
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने शनिवार को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सत्र आयोजित करने के संबंध में विचार-विमर्श किया। सूत्रों ने बताया कि इस तरह के विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है कि दोनों सदनों की बैठक एक साथ चल सके, अलग-अलग दिन नहीं जैसा कि मीडिया के एक वर्ग में दावा किया जा रहा था। सूत्रों के अनुसार, सांसदों के बैठने की व्यवस्था संसद परिसर में विभिन्न स्थानों पर की जाएगी।
मानसून सत्र की अभी तारीख तय नहीं
उन्होंने कहा कि सांसदों के बैठने के लिए विभिन्न विकल्पों पर विचार चल रहा है। दोनों सदनों की लॉबियों और गैलरियों में, सेंट्रल हॉल में और पुस्तकालय भवन के बालयोगी सभागार में बैठने की व्यवस्था की जा सकती है। मानसून सत्र की तारीख अभी तय नहीं हुई है।
एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा कि सत्र निश्चित रूप से 22 सितंबर से पहले शुरू होगा, क्योंकि संसद के दो सत्रों के बीच छह महीने से अधिक का समय अंतराल नहीं हो सकता। संसद का बजट सत्र 23 मार्च को अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया था। निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार बजट सत्र तीन अप्रैल तक चलना था, लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण इसे समयपूर्व स्थगित कर दिया गया था।
गौरतलब है कि कोरोना काल में संसद का सत्र आयोजित किया जाएगा। देश की राजधानी दिल्ली में कोरोना संक्रमण के मामलों में तेजी से बढ़ोत्तरी हो रही है। हालांकि, जितनी तेजी से कोरोना के नए मामले सामने आ रहे हैं, उतनी तेजी से कोरोना के मरीज ठीक भी हो रहे हैं।