MP By Election 2020: उपचुनाव में शिवराज सरकार के 14 मंत्रियों का भविष्य दांव पर
कई मंत्रियों को अपने क्षेत्रों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। कई मंत्री वापस जाओ के नारे का सामना कर चुके हैं।
आनन्द राय, भोपाल। मध्य प्रदेश में विधानसभा की 27 सीटों पर होने वाला उपचुनाव शिवराज सरकार के 14 मंत्रियों का भविष्य तय करेगा। कांग्रेस से इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने वाले ये मंत्री अभी विधानसभा के सदस्य भी नहीं हैं। अगर चुनाव हारे तो मंत्री पद गंवाने के साथ ही इनका राजनीतिक भविष्य भी दांव पर होगा। आगामी उपचुनाव में इन मंत्रियों को अपनी प्रतिष्ठा बचाने के लिए दोहरी मार भी झेलनी पड़ रही है। एक तरफ कांग्रेसी कार्यकर्ता उनके विरोध पर उतर आए हैं तो दूसरी तरफ उनकी नई पार्टी भाजपा के असंतुष्टों ने भी नींद उड़ा दी है।
अगर चुनाव हारे तो गंवाना पड़ेगा मंत्री पद, अभी विधायक भी नहीं हैं
करीब छह माह पहले पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की अगुवाई में कांग्रेस से विद्रोह कर छह मंत्रियों समेत कुल 22 विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया। इनमें तुलसीराम सिलावट (सांवेर), गोविंद सिंह राजपूत (सुरखी), डॉ. प्रभुराम चौधरी (सांची), प्रद्युम्न सिंह तोमर (ग्वालियर), महेंद्र सिंह सिसौदिया (बमोरी), बिसाहूलाल सिंह (अनूपपुर), ऐदल सिंह कंषाना (सुमावली), हरदीप सिंह डंग (सुवासरा), राजवर्धन सिंह दत्तीगांव (बदनावर), इमरती देवी (डबरा), ओपीएस भदौरिया (मेहगांव), गिर्राज डंडौतिया (दिमनी), बृजेंद्र सिंह यादव (मुंगावली) और सुरेश धाकड़ (पोहरी) को शिवराज सरकार में मंत्री बनाया गया। कई मंत्रियों को अपने क्षेत्रों में विरोध का सामना करना पड़ रहा है। गिर्राज डंडौतिया, राजवर्धन सिंह, तुलसीराम सिलावट, गोविंद सिंह राजपूत और हरदीप सिंह डंग जैसे कई मंत्री 'वापस जाओ' के नारे का सामना कर चुकेहैं।
भाजपा के असंतुष्टों और भितरघातियों से खतरा
वर्ष 2018 में जो कार्यकर्ता इनकी चुनावी कमान संभाले थे, अब वे बदल गए हैं। अब इन्हें भाजपा कार्यकर्ताओं के बूते अपनी चुनावी नैया पार लगानी है, लेकिन संबंधित क्षेत्रों के पूर्व विधायकों और नए दावेदारों का टिकट कटने से उनके समर्थकों ने विरोध शुरू कर दिया है। सांची, बदनावर, ग्वालियर आदि क्षेत्रों में तो यह खुलेआम दिख रहा है, लेकिन बाकी इलाकों में भी खतरा है। असंतुष्टों की मंशा इन्हें चुनाव हराकर अपना भविष्य सुरक्षित करने की है। हालांकि इन मंत्रियों की ओर से भी अपना किला सजाया जा रहा है। डॉ़ प्रभुराम से लेकर सिलावट तक अपनी जीत का दावा करते हैं। इनका कहना है कि अब हम लोग भाजपा के कार्यकर्ता हैं, इसलिए कहीं कोई असंतोष नहीं है।
कोरोना की कसौटी पर भी हो रही परख
कोरोना की शुरुआत में ही इन मंत्रियों ने कांग्रेस छोड़कर भाजपा का दामन थामा। उस समय मजदूरों से लेकर आमजन की इन प्रतिनिधियों से सहयोग की अपेक्षा थी, लेकिन ये खरे नहीं उतर सके। मंत्री बनने के बाद तो इनके पास फरियादियों की मांग आती रही, परंतु चावल वितरण से लेकर दवा-इलाज में भी कोई खास करिश्मा नहीं कर सके।
मध्य प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता दीपक विजयवर्गीय ने कहा कि भाजपा की नजर उपचुनाव की सभी सीटों पर है। हर क्षेत्र की चुनौती संगठन के सामने है। परिस्थितियों को अनुकूल बनाने के लिए बूथ स्तर तक तैयारी की जा रही है। भाजपा सभी सीटों पर जीतेगी।