मप्र में उपचुनाव की नब्ज टटोलने गुजरात और पंजाब के नेताओं को भेज रही है कांग्रेस
आगामी विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस का विशेष जोर संगठन पर है जो ग्वालियर-चंबल संभाग सहित सिंधिया समर्थक नेताओं के क्षेत्र में उनके पार्टी बदलने से कमजोर हुआ है।
भोपाल, राज्य ब्यूरो। मध्य प्रदेश विधानसभा की 27 सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव से पूर्व नब्ज टटोलने के लिए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के नेता भी आए हैं। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआइसीसी) ने समन्वयक बनाकर गुजरात से मितुल जोशी और पंजाब से कुलजीत बाछल जैसे चुनिंदा नेताओं को भेजा है। ये दोनों एआइसीसी के सदस्य हैं। दरअसल, ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके समर्थकों के भाजपा में जाने के कारण से ग्वालियर-चंबल सहित पार्टी छोड़ने वाले नेताओं के क्षेत्र में कांग्रेस संगठन की स्थिति कमजोर हुई है। एआइसीसी के जो नेता प्रदेश आए हैं, वे मुख्य रूप से मंडल, सेक्टर और मतदान केंद्रों की कमेटियां बनाने में जुटे हैं।
सिंधिया के भाजपा में जाने से बिखरे संगठन को मजबूत करने पर जोर
आगामी विधानसभा उपचुनाव के लिए कांग्रेस का विशेष जोर संगठन पर है, जो ग्वालियर-चंबल संभाग सहित सिंधिया समर्थक नेताओं के क्षेत्र में उनके पार्टी बदलने से कमजोर हुआ है। कहा जाता है कि सिंधिया और उनके समर्थकों के क्षेत्र में स्थानीय संगठन में उन्हीं के लोगों का वर्चस्व रहता है और यही वजह रही कि उनके जाने के बाद संबंधित नेताओं के साथ कई कार्यकर्ता पार्टी से चले गए। प्रदेश कांग्रेस (पीसीसी) अध्यक्ष कमल नाथ का कहना है कि उपचुनाव में उनका सामना भाजपा के संगठन से है, जिसके लिए जिले से लेकर सेक्टर तक के संगठन को मजबूत बना रहे हैं।
कमेटियों को मजबूत करने के काम को प्राथमिकता
सूत्रों के मुताबिक विधानसभा उपचुनाव के लिए मंडल-सेक्टर-मतदान केंद्रों की कमेटियों को मजबूत करने के काम को प्राथमिकता दी जा रही है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की ओर से भी विधानसभा क्षेत्रों में नेताओं को लगाया गया है। सांची-सुरखी जैसी विधानसभा सीटों पर गुजरात-पंजाब के इन नेताओं ने संगठन को मजबूत करने का काम शुरू किया है। इन नेताओं द्वारा संगठन से उन्हीं नेताओं को जोड़ा जा रहा है जो वास्तव में पार्टी के प्रति निष्ठा रखते हैं और मैदान में सक्रिय हैं।
मध्य प्रदेश के कांग्रेस कमेटी के मीडिया विभाग के उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता ने कहा कि विधानसभा उपचुनाव के मद्देनजर संबंधित क्षेत्रों के संगठन को मजबूत बनाने का काम चल रहा है। विधानसभा प्रभारी, सह प्रभारी, समन्वयक, सहायक समन्वयक जैसे नेताओं की नियुक्ति की गई है।