विजयन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिरा, वामपंथी सरकार के पक्ष में पड़े 87 मत
140 सदस्यीय विधानसभा के 87 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया जबकि सिर्फ 40 सदस्यों ने पक्ष में वोट डाले।
तिरुअनंतपुरम, प्रेट्र। सोना तस्करी समेत अन्य मुद्दों के विरोध में कांग्रेसनीत गठबंधन यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) की तरफ से सोमवार को केरल की वामपंथी सरकार के खिलाफ पेश किया गया अविश्वास प्रस्ताव 40 के मुकाबले 87 मतों से गिर गया। इससे पहले अविश्वास प्रस्ताव पर करीब नौ घंटे तक बहस चली।
140 सदस्यीय विधानसभा के 87 सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव के विरोध में मतदान किया, जबकि सिर्फ 40 सदस्यों ने पक्ष में वोट डाले। विधानसभा की दो सीटें फिलहाल खाली हैं। केरल कांग्रेस के जोस के. मणि गुट के दो सदस्य मतदान के दौरान मौजूद नहीं रहे तो भाजपा के एक मात्र सदस्य ओ. राजगोपाल ने भी दूरी बनाए रखी।
कांग्रेस विधायक ने विजयन पर लगाए आरोप
इससे पहले कांग्रेस विधायक वीडी सतीशन ने प्रस्ताव पेश करते हुए आरोप लगाया था कि मुख्यमंत्री पिनराई विजयन के दफ्तर को सोना तस्कर गिरोह ने हाईजैक कर लिया है। उन्होंने अन्य योजनाओं में भी भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। दरअसल, वर्ष 2020-21 के वित्त विधेयकों को पारित करने के लिए एक दिवसीय विधानसभा सत्र बुलाया गया था। कोरोना महामारी के कारण 13 मार्च को विधासभा सत्र को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था, जिसके कारण वित्त विधेयक पारित नहीं हो पाए थे।
सीएम के पूर्व प्रधान सचिव को किया जा चुका है निलंबित
बता दें कि सीमा शुल्क विभाग ने तिरुअनंतपुरम हवाईअड्डे पर पांच जुलाई को करीब 15 करोड़ रुपये के 30 किलोग्राम सोने की तस्करी का पर्दाफाश किया था। सोना संयुक्त अरब अमीरात (UAE) दूतावास के एक राजनयिक के नाम पर भेजा गया था। इस मामले में विजयन के पूर्व प्रधान सचिव एम. शिवशंकर को निलंबित किया जा चुका है।
केरल गोल्ड स्मगलिंग के मामले में जांच एजेंसी एनआईए को बड़ी साजिश नजर आ रही है। इस वजह से एनआईए की दो सदस्यीय टीम पिछले हफ्ते यूएई भेजी थी। एनआईए सूत्रों के मुताबिक इस मामले में देश-विदेश में बड़े पदों पर बैठे कई लोग शामिल हो सकते हैं।