COVID-19: कंस्ट्रक्शन वर्करों को मिलेंगे पैसे, श्रम व रोजगार मंत्रालय ने जारी की एडवाइजरी
कोरोना वायरस के कारण निर्माण कार्यों पर लगी रोक के मद्देनजर असहाय हुए वर्करों के लिए श्रम मंत्रालय ने राहत वाला कदम उठाया है।
नई दिल्ली, एएनआइ। श्रम व रोजगार मंत्रालय (Ministry of Labour and Employment) की ओर से मंगलवार को सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को एक एडवाइजरी जारी की गई। इसमें मंत्रालय के संतोष कुमार गंगवार ने कहा, ‘कंस्ट्रक्शन वर्करों के खाते में श्रम कल्याण बोर्ड द्वारा एकत्रित उपकर निधि (cess fund) से डीबीटी (Direct Benefit Transfer) के जरिए धनराशि ट्रांसफर की जाए। उपकर निधि के तौर पर करीब 52,000 करोड़ रुपये की धनराशि है और कुल 3.5 करोड़ कंस्ट्रक्शन वर्कर हैं जो कंस्ट्रक्शन वेलफेयर बोर्डों में रजिस्टर हैं।'
नए कोरोना वायरस के फैलते संक्रमण को देखते हुए निर्माण कार्यों पर भी रोक लगाई गई है। इस क्षेत्र में काम करने वाले वर्करों को आर्थिक मार भी झेलनी पड़ रही है। बता दें कि भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण उपकर अधिनियम, 1996 के तहत सरकार उपकर वसूली करती है। इसी सेस फंड का इस्तेमाल करते हुए धनराशि से भवन निर्माण कार्य में लगे असंगठित क्षेत्र के वर्करों के लिए राहत योजनाएं चलाई जातीं हैं। इसी क्रम में श्रम एवं रोजगार मंत्रालय ने सेस फंड से निर्माण कल्याण बोर्ड में पंजीकृत वर्करों के खाते में धनराशि भेजने का आदेश दिया है।
श्रम एवं रोजगार मंत्री ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों को पत्र लिखा है जिसमें कहा है कि कोरोना के कारण संकट की इस घड़ी में असंगठित क्षेत्र के वर्करों की समस्याओं को दूर किया जाना जरूरी है।
वर्करों के खाते में कितना रकम जाना है इस बात का फैसला राज्य सरकार करेगी। मंत्री ने राज्य सरकारों से कहा है कि मजदूरों को मिलने वाली आर्थिक मदद उन्हें इस महामारी से लड़ने का साहस प्रदान करेगी।
देश भर में नए कोरोना वायरस के कारण फैले संक्रमण से जिंदगी की रफ्तार थम गई है। इसके कारण देश के 30 राज्य व केंद्र शासित प्रदेश प्रभावित हैं। देश में कोरोना वायरस से संक्रमित मामलों की संख्या 500 के करीब पहुंच गई है।