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Ayushman Bharat Yojna: सौ से ज्‍यादा अस्‍पतालों में पाई गई गड़बड़ी, सरकार को उठाना पड़ा ये कठोर कदम

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा कि सरकार के भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस के तहत ऐसे 111 अस्पताल हैं जिन्हें कुछ जालसाजी गतिविधि या कदाचार में लिप्त पाया गया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 30 Sep 2019 06:09 PM (IST)Updated: Mon, 30 Sep 2019 07:53 PM (IST)
Ayushman Bharat Yojna: सौ से ज्‍यादा अस्‍पतालों में पाई गई गड़बड़ी, सरकार को उठाना पड़ा ये कठोर कदम
Ayushman Bharat Yojna: सौ से ज्‍यादा अस्‍पतालों में पाई गई गड़बड़ी, सरकार को उठाना पड़ा ये कठोर कदम

नई दिल्ली, प्रेट्र। कदाचार में लिप्त पाए गए 100 से ज्यादा अस्पतालों के नाम आयुष्मान भारत की अधिकृत वेबसाइट पर रख दिया गया है। स्वास्थ्य प्रतिष्ठानों में ऐसी कुप्रवृत्ति रोकने के लिए सरकार के नेम एंड शेम पहल के तहत यह कदम उठाया है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने सोमवार को यह जानकारी दी।

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आयुष्मान भारत-प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB-PMJAY) की पहली वर्षगांठ पर आयोजित आरोग्य मंथन में हर्षवर्धन ने कहा कि योजना के तहत अस्पतालों के बेहतर प्रदर्शन के लिए सरकार नेम एंड फेम लागू करने की योजना बना रही है।

नेम एंड फेम पहल लागू करने की योजना 

केंद्रीय मंत्री ने कहा, 'सरकार के भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टालरेंस के तहत ऐसे 111 अस्पताल, जिन्हें कुछ जालसाजी गतिविधि या कदाचार में लिप्त पाया गया है उन्हें नेम एंड शेम पहल के तहत AB-PMJAY की अधिकृत वेबसाइट पर रखा गया है। हमलोग अब योजना के तहत बेहतर प्रदर्शन करने वाले अस्पतालों के लिए नेम एंड फेम पहल लागू करने की योजना बना रहे हैं।'

आरोग्य मंथन का आयोजन योजना लागू करने वाली शीर्ष निकाय राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकार ने किया था। हर्षवर्धन ने कहा कि जालसाजी के करीब 1200 मामलों की पुष्टि हो चुकी है और AB-PMJAY में 338 के खिलाफ कार्रवाई की गई है। छह के खिलाफ FIR दर्ज की गई है और 1.5 करोड़ रुपये जुर्माना लगाया गया है।

IMA ने आयुष्मान भारत योजना पर उठाए सवाल

इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने आयुष्मान भारत योजना पर सवाल उठाए हैं। संगठन ने पात्रता मापदंड, पैकेज दर, कई नियमों और बीमा कंपनियों की संलिप्तता सहित इसमें कई लूपहोल होने का दावा किया है। नई दिल्ली में मीडिया को संबोधित करते हुए आइएमए अध्यक्ष शांतनु सेन ने कहा, 'सरकार वास्तविक प्रैक्टिस करने वाले डॉक्टरों से सुझाव ले इसके बाद ही वह दर तय करे।'


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