बंदरों से उपराष्ट्रपति भवन को खतरा, वेंकैया नायडू ने पूछा- क्या किया जाए ?
राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सरकार से बंदरों से होने वाले खतरे का समाधान तक पूछ लिया।
नई दिल्ली [जागरण ब्यूरो]। राजधानी दिल्ली में बंदरों का उत्पात इस कदर बढ़ गया है कि उनसे उप राष्ट्रपति भवन तक में खतरा पैदा हो गया है। बंदरों की इस उधम चौकड़ी से होने वाली दिक्कत का मसला राज्यसभा में मंगलवार को उठा। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू ने सरकार से बंदरों से होने वाले खतरे का समाधान तक पूछ लिया।
राज्यसभा में इंडियन नेशनल लोकदल के सदस्य राम कुमार कश्यप ने बंदरों से पैदा हुए खतरे का मुद्दा शून्यकाल में उठाया। सभापति नायडू ने कहा 'उपराष्ट्रपति भवन में भी बंदरों का खतरा है। समाधान बताएं।' इनेलो सदस्य ने बंदरों की हरकत को गंभीरता से उठाते हुए कहा कि राजधानी दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में बंदरों का खतरा है। बंदर न केवल आम लोगों को हमला कर घायल कर देते हैैं, बल्कि लगाये जाने वाले नये पौधों को भी नोंच कर फेंक देते हैैं। पेड़ों को नुकसान पहुंचा रहे हैैं। घरों में सूखने के लिए फैलाये गये कपड़े उठा कर ले जाते हैैं।
बंदरों की उठा पटक का जिक्र करते हुए कश्यप ने कहा कि उनके एक सहयोगी सदस्य संसदीय समिति की एक बैठक में नहीं पहुंच सके। बंदरों ने उन पर हमला कर दिया था। सभापति नायडू ने कहा कि उपराष्ट्रपति का आधिकारिक आवास भी इस समस्या से अछूता नहीं रहा है। बंदरों का वहां भी खतरा हो गया है।
सभापति नायडू ने हल्के फुल्के अपने चिर परिचित अंदाज में पशु अधिकार कार्यकर्ता और केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी का जिक्र किया। उन्होंने कहा 'मेनका गांधी यहां नहीं हैं। यह सुनते ही सदन में मौजूद सदस्य मुस्कुरा उठे। नायडू ने संसदीय कार्य राज्यमंत्री विजय गोयल से कहा 'दिल्ली में बंदरों के खतरे को लेकर कोई समाधान तो निकालना ही होगा।'