VIDEO: मोहन भागवत का बड़ा बयान, विश्व में सर्वाधिक सुखी मुसलमान केवल भारत में मिलेंगे
मोहन भागवत ने कहा कि संघ ऐसे श्रेष्ठ विचारों वाले चरित्रवान और समर्पित स्वयंसेवक तैयार करने पर विश्वास रखता है जो पूरे देश में सकारात्मक बदलाव लाने में अहम भूमिका निभा सकें।
जासं, भुवनेश्वर। समाज के हर वर्ग को संगठित व विकसित करना संघ का लक्ष्य है। संघ ऐसे श्रेष्ठ विचारों वाले चरित्रवान और समर्पित स्वयंसेवक तैयार करने पर विश्वास रखता है जो पूरे देश के लोगों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने में अहम भूमिका निभा सकें। ये बातें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को भुवनेश्वर में कहीं। संघ की अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने नौ दिवसीय दौरे पर यहां पहुंचे भागवत ने बुद्धिजीवियों से बातचीत भी की। संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सहित अन्य कार्यक्रम नौ दिन तक आयोजित होंगे। इसमें देश के विभिन्न स्थानों से बुद्धिजीवी तथा संघ के प्रचारक भाग ले रहे हैं।
स्थानीय सोआ विश्वविद्यालय में आयोजित संघ के बुद्धजीवी सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर भागवत ने कहा कि समाज को संगठित करने के लिए संघ काम कर रहा है। संगठित समाज के जरिए ही राष्ट्र का निर्माण संभव है। ओडिशा में पहली बार संघ की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक को लेकर यहां के स्वयंसेवकों में काफी उत्साह है। संघ प्रमुख के दौरे को देखते हुए भुवनेश्वर एयरपोर्ट से लेकर तेरापंथ भवन और सोआ विश्वविद्यालय के आसपास सुरक्षा काफी चौकस रही। इस दौरान उन्होंने कहा कि उन्होंने कहा कि भारत अकेला ऐसा देश हैं जहां यहूदियों को आश्रय मिला, जहां पारसियों की पूजा और मूल धर्म सुरक्षित है। विश्व में सर्वाधिक सुखी मुसलमान भारत में मिलेगे।
Mohan Bhagwat, RSS: ...Maare-maare Yahudi (Jews) firte they akela Bharat hai jahan unko ashray mila. Parsion (Parsis) ki puja aur mool dharma sukrakshit kewal Bharat mein hai. Vishwa mein sarvadhik sukhi Musalman, Bharat mein milega. Ye kyun hai? Kyunki hum Hindu hain..." (12.10) pic.twitter.com/btO3Zdixgz — ANI (@ANI) October 13, 2019
ओडिशा के नौ दिन के दौरे पर आए आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि यह हमारी इच्छा है कि आरएसएस तथा समाज एक समूह के तौर पर काम करें। भारत की विविधता की प्रशंसा करते हुए भागवत ने कहा कि कहा कि पूरा देश एक सूत्र से बंधा है। उन्होंने कहा कि भारत के लोग विविध संस्कृति, भाषाओं, भौगोलिक स्थानों के बावजूद खुद को एक मानते हैं। भागवत ने कहा कि एकता के इस अनूठे अहसास के कारण मुस्लिम, पारसी और अन्य जैसे धर्मों से संबंधित लोग देश में सुरक्षित महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि पारसी भारत में काफी सुरक्षित हैं और मुस्लिम भी खुश हैं।
समाज में बदलाव लाने की दिशा में उन्होंने कहा कि सही तरीका यह है कि ऐसे उत्कृष्ट इंसान तैयार किये जाए जो समाज को बदलने तथा देश की कायापलट करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर सके क्योंकि 130 करोड़ लोगों को एकसाथ बदलना मुमकिन नहीं होगा। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख ने कहा कि समाज में बदलाव लाना जरूरी है ताकि देश की किस्मत बदले और इसके लिए उत्कृष्ट इंसान तैयार करना आवश्यक है, ऐसा इंसान जिसका साफ-सुथरा चरित्र हो और जो प्रत्येक सड़क और शहर में नेतृत्व करने में सक्षम हो।