मोदी का पाक को बड़ी चेतावनी, वार्ता का समय खत्म, भारत और अर्जेटीना का आतंकवाद पर साझा बयान
भारत व अर्जेटीना ने दुनिया के दूसरे सभी देशों से आग्रह किया है कि वे आतंकवाद को समूल से नष्ट करने के लिए एक दूसरे की मदद करे।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। पुलवामा हमले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर पड़ोसी देश पाकिस्तान को परोक्ष तौर पर नतीजा भुगतने के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी है। सोमवार को उन्होंने कहा कि पुलवामा हमले के बाद अब बातचीत का समय खत्म हो गया है। मोदी ने यह बात भारत के दौरे पर आये अर्जेटीना के राष्ट्रपति मौर्सियो मैक्री के साथ बातचीत के बाद संयुक्त बयान जारी करने के समय दी।
भारत और अर्जेटीना ने आतंकवाद के खिलाफ संयुक्त बयान जारी किया
दोनो नेताओं की अगुवाई में हुई द्विपक्षीय वार्ता के बाद भारत और अर्जेटीना ने आतंकवाद के खिलाफ एक संयुक्त बयान भी जारी किया है जिसमें पुलवामा हमले की बेहद कठोर शब्दों मे निंदा की गई है। इसमें दोनो देशों ने कहा है कि किसी भी देश को अपनी जमीन का इस्तेमाल किसी दूसरे देश में आतंकी हमले के लिए करने की इजाजत नहीं होनी चाहिए।
मोदी ने कहा कि मैक्री के साथ बातचीत के दौरान हमारे बीच यह सहमति थी कि दुनिया में शांति व स्थायित्व के लिए आतंकवाद सबसे बड़ा खतरा है। पुलवामा हमले ने यह साफ कर दिया है कि अब बातचीत का समय बीत चुका है। यह दुनिया पर है कि वह आतंकवाद के खिलाफ और जो लोग इसको समर्थन दे रहे हैं उनके खिलाफ एकजुट हो। आगे उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ कदम उठाने से हिचकना एक तरह से वैसा ही जैसा आतंकवाद को बढ़ावा देना।
पीएम मोदी के स्तर पर इस तरह के बयानों का पाकिस्तान के खिलाफ भारत की भावी कार्रवाई से जोड़ कर देखा जा रहा है। पीएम मोदी ने दो दिन पहले कहा था कि सेना को कार्रवाई के लिए समय व स्थान चुनने की आजादी दे दी गई है। जबकि एक दिन पहले एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा था कि बदले की आग उनके दिल में भी धधक रही है।
पुलवामा हमले के बाद भारत जिस तरह से कूटनीतिक तौर पर हर देश को आतंकवाद के मुद्दे पर अपना पक्ष रखने की कोशिश कर रहा है उसे कई लोग भारत की भावी गंभीर कदम की तैयारी के तौर पर भी देख रहे हैं। भारतीय राजनयिक अभी तक तकरीबन पांच दर्जन देशों के प्रतिनिधियों के साथ मुलाकात कर चुके हैं।
अमेरिका के एनएसए जॉन बोल्टन ने भारतीय एनएसए अजीत डोभाल से कहा है कि भारत को सीमा पार आतंकवाद से अपने हितों की रक्षा करने का अधिकार है। इसे भी एक बड़ा बयान माना जा रहा है। भारत और अमेरिका के बीच लगातार उच्च स्तर सैन्य संपर्क बना हुआ है।
बताते हैं कि अमेरिका की ओर से इतना सख्त बयान पहली बार आया है और माना जा सकता है। खुद प्रधानमंत्री की ओर से जिस तरह बयान आए हैं उसके बाद माना जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने भारत के निर्णय के साथ खड़े रहने का संकेत दे दिया है।
पुलवामा हमले के बाद भारत की यात्रा पर आने वाले अर्जेटीना के राष्ट्रपति पहले विदेशी मेहमान है। मैक्री ने भी भारत के गुस्से को साझा किया। उन्होंने पुलवामा हमले में मारे गये सीपीआरएफ के जवानों के प्रति संवेदना जताने के बाद कहा कि वह भारत के साथ मिल कर आतंकवाद के खिलाफ काम करेंगे।
दोनो देशों ने खास तौर पर आतंकवाद के खिलाफ एक साझा बयान जारी किया। इसमें भारत व अर्जेटीना ने दुनिया के दूसरे सभी देशों से आग्रह किया है कि वे आतंकवाद को समूल से नष्ट करने के लिए एक दूसरे की मदद करे।
उन्होंने हर देश में आतंकवादियों के सुरक्षित पनाह घरों को नष्ट करने के साथ ही यह भी कहा है कि किसी भी वजह या कारण को आधार बताते हुए आतंकवाद को जायज नहीं ठहराया जा सकता। इसमें इस बात की जरुरत जताई गई है कि किस तरह से आतंकी संगठनों को किस तह से तकनीकी और वित्तीय मदद पहुंचाने से रोकने में अभी कामयाबी नहीं मिली है।