चुनाव में गेमचेंजर बनेगी 'मोदीकेयर' योजना, इन छह राज्यों को नहीं मिलेगा लाभ
सरकार ने बीमारी के कारण गरीब बनने वाले और गरीबी के कारण इलाज नहीं करा पाने वाले दोनों तबकों पर राहत का कारगर मरहम लगाया है।
नई दिल्ली (जेएनएन)। देश के 50 करोड़ गरीबों को मुफ्त इलाज की सुविधा देने वाली 'मोदीकेयर' इस साल के अंत में पांच राज्यों व अगले साल होने वाले आम चुनाव में भाजपा नीत राजग को बड़ा सियासी फायदा पहुंचा सकती है। सरकार ने बीमारी के कारण गरीब बनने वाले और गरीबी के कारण इलाज नहीं करा पाने वाले दोनों तबकों पर राहत का कारगर मरहम लगाया है।
भारत में अभी जीडीपी का मात्र 1 फीसद जनस्वास्थ्य पर खर्च होता है। यह विश्व में सबसे कम है। हर साल देश के करीब 7 फीसदी लोग इलाज पर खर्च के कारण गरीब हो जाते हैं। एक ब्रिटिश मेडिकल जर्नल की रिपोर्ट के अनुसार भारत में हर साल करीब 5.5 करोड़ लोग बीमारी की वजह से गरीब बन रहे हैं।
वहीं गैर भाजपा शासित छह राज्यों में यह योजना अभी लागू नहीं है। दिल्ली, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, केरल, तेलंगाना व पंजाब ने अभी केंद्र के साथ इस योजना के सहमति पत्र पर दस्तखत नहीं किए हैं। इनका तर्क है कि वे खुद की ऐसी ही योजनाएं चला रहे हैं या चलाना चाहते हैं।
विश्व में मिसाल बनेगी योजना
योजना का शुभारंभ करते हुए पीएम ने कहा कि आयुष्मान भारत विश्व के लिए एक मिसाल बनेगी। दुनिया के किसी देश में इतनी बड़ी स्वास्थ्य योजना नहीं चल रही है। लोग इसे मोदीकेयर व अन्य नाम दे रहे हैं, लेकिन उनके लिए यह दरिद्रनारायण की सेवा का अवसर है। विश्व के चिकित्सा व समाज विज्ञान के शोधार्थी इस पर शोध करेंगे।
बीमारी की जड़ को पकड़ा
पीएम मोदी ने कहा कि मैंने गरीबी को जिया है। एक स्वाभिमान है जो गरीबी में जीने की आदत देता है। हमने बीमारी की जड़ को पकड़ा है। देश गरीबी से मुक्ति की ओर तेजी से बढ़ा है। एक संस्था ने बताया कि दो-तीन सालों में 5 करोड़ से अधिक लोग अति गरीबी से बाहर निकले। पिछली सरकारों को घेरते हुए कहा कि पिछली सरकारों ने सरकारी खजाने को लूटा। जाति, धर्म देखकर योजनाएं बनाई। आयुष्मान भारत में संप्रदाय, जाति, ऊंच-नीच के आधार पर भेदभाव नहीं होगा।
...योजना की खासियतें
-योजना कैशलेस और पेपरलेस।
-लाभान्वित परिवारों को हेल्थ कार्ड।
-टोल फ्री नंबर से जानकारी।
-13,000 अस्पताल योजना में शामिल।
-कैंसर समेत 1300 रोगों का इलाज।
-2500 नए अस्पताल खुलेंगे।
-पहले साल 5 हजार करोड़ खर्च। केंद्र 60 फीसद व राज्य 40 फीसद उठाएंगे।
-1.50 लाख हेल्थ व वेलनेस सेंटर।
-8.03 करोड़ ग्रामीण व 2.33 करोड़ शहरी परिवारों को लाभ।
-प्रति परिवार सदस्य संख्या और उम्र की पाबंदी नहीं है।
-सरकारी व निजी अस्पतालों में गरीबों को 2.65 लाख बेड की सुविधा।
-अस्पतालों में मदद के लिए 14,000 आरोग्य मित्र तैनात।
-आधार अनिवार्य नहीं है। मतदाता पहचान पत्र या राशन कार्ड से भी लाभ मिलेगा।
दो दिन बाद होगी लागू
रविवार को छुट्टी होने से आयुष्मान भारत योजना का शुभारंभ कर दिया गया, लेकिन यह 25 सितंबर को पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती से पूरी तरह लागू होगी।
ये इलाज हो सकेंगे
-कैंसर सर्जरी और कीमोथेरेपी, रेडिएशन थेरेपी।
-हार्ट बायपास सर्जरी, न्यूरो सर्जरी, रीढ़ की सर्जरी।
-दांतों की सर्जरी, आंखों की सर्जरी, एमआरआई, सीटी स्कैन।