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मोदी सरकार पोंजी स्कीम चलाने वालों पर कसेगी नकेल, संसद में लाएगी नया विधेयक

संसद के शीतकालीन सत्र में संसद में पेश होगा द बैनिंग ऑफ अनरेग्यूलेटेड डिपॉजिट स्कीम बिल, 2018।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 21 Oct 2018 09:05 PM (IST)Updated: Mon, 22 Oct 2018 12:28 AM (IST)
मोदी सरकार पोंजी स्कीम चलाने वालों पर कसेगी नकेल, संसद में लाएगी नया विधेयक
मोदी सरकार पोंजी स्कीम चलाने वालों पर कसेगी नकेल, संसद में लाएगी नया विधेयक

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार पोंजी स्कीम चलाने वालों पर नकेल कसने की तैयारी कर रही है। इसी दिशा में कदम बढ़ाते हुए केंद्र संसद के शीतकालीन सत्र में संसद में लंबित 'द बैनिंग ऑफ अनरेग्यूलेटेड  डिपॉजिट स्कीम बिल, 2018' को पारित कराने की कोशिश करेगा।

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सूत्रों ने कहा कि पोंजी स्कीम पर अंकुश लगाने के लिए प्रस्तावित कानून के मसौदे पर फिलहाल संसद की वित्त मामलों संबंधी समिति विचार कर रही है। कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता वाली इस समिति की मंगलवार को बैठक होने जा रही है। समिति ने इस बैठक में सीक्युरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) के अधिकारियों को इस कानून के प्रस्तावित कानून पर उनकी राय देने के लिए बुलाया है।

सूत्रों ने उम्मीद जतायी है कि समिति शीतकालीन सत्र में अपनी रिपोर्ट सौंप देगी जिसके बाद सरकार की कोशिश इस विधेयक को आगामी सत्र में ही पारित कराने की होगी।

सरकार ने इस साल 18 जुलाई को 'द बैनिंग ऑफ अनरेग्यूलेटेड डिपॉजिट स्कीम बिल, 2018' पेश किया था। इस विधेयक में यह प्रावधान है कि अगर कोई डिपोजिट स्कीम चलाने वाली संस्था या कंपनी फर्जीवाड़ा कर जमाकर्ताओं की धनराशि वापस नहीं करती है तो उसकी संपत्ति जब्त कर ली जाएगी। साथ ही उस डिफॉल्टर की संपत्ति को अटैच कर जमाकर्ताओं को अविलंब उनकी राशि का वापस भुगतान करने का प्रावधान भी इस विधेयक में किया गया है। खास बात यह है कि पोंजी स्कीम के मामलों की जांच सीबीआइ कर सकेगी।

सरकार ने यह कानून बनाने के लिए ऐसे समय कदम उठाया है जब देश के कई क्षेत्रों से पोंजी स्कीम के जरिये हजारों छोटे निवेशकों की धनराशि डूबने के मामले सामने आए हैं। खासकर बंगाल में शारदा चिटफंड मामला काफी चर्चा में रहा है।

गौरतलब है कि पोंजी स्कीम चलाने वाले निवेशकों को अल्पावधि में ही ऊंचे रिटर्न का लालच देकर उनसे धनराशि जमा करा लेते हैं। वे कई लोगों से जमा राशि लेते हैं और एक को उच्च रिटर्न दे देते हैं। हालांकि जब सभी निवेशकों को धनराशि वापस करने की बारी आती है तो वे फर्जीवाड़ा कर निकल जाते हैं।


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