मोदी सरकार ने दिल्ली को दी बड़ी सौगात, अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के बिल को मंजूरी
विधेयक के कानून बन जाने के बाद इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को अपने घरों पर मालिकाना हक मिल जाएगा। घरों की खरीद-बिक्री और घरों की रजिस्ट्री हो सकेगी।
नई दिल्ली, प्रेट्र। दिल्ली की अवैध कॉलोनियों में रहने वाले लाखों लोगों को केंद्र सरकार ने बड़ी सौगात दी है। केंद्रीय कैबिनेट ने अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के विधेयक को मंजूरी दे दी है। इसके जरिए वहां रहने वाले निवासियों को उनके घरों पर मालिकाना हक भी मिलेगा।
कैबिनेट के फैसले से 40 से 50 लाख लोग होंगे लाभान्वित
राजनीतिक रूप से यह फैसला बहुत अहम है। माना जा रहा है कि इस फैसले से 40-50 लाख लोगों को लाभ होगा, जिनमें ज्यादातर गरीब तबके के हैं। दिल्ली में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
नियमित करने वाले विधेयक को संसद में आज पेश हो सकता है
सूत्रों ने बताया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में अवैध कॉलोनियों को नियमित करने वाले विधेयक को गुरुवार को संसद में पेश किया जा सकता है।
सीतारमण ने कहा- विधेयक को कैबिनेट ने दी मंजूरी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि विधेयक को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। 23 अक्टूबर को कैबिनेट ने राष्ट्रीय राजधानी की चिन्हित 1,797 अवैध कॉलोनियों को नियमित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी।
मोदी ने कही थी विधेयक लाने की बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी हाल ही में इन कॉलोनियों से जुड़े संगठनों के प्रतिनिधियों से मुलाकात में विधेयक लाने की बात कही थी।
केजरीवाल सरकार ने लगाया था वादाखिलाफी का आरोप
दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने केंद्र सरकार पर विधेयक नहीं लाकर वादाखिलाफी का आरोप लगाया था। दरअसल, मौजूदा नियमों के मुताबिक कॉलोनियों को नियमित करने की प्रक्रिया दिल्ली सरकार की निगरानी और समन्वय से ही लागू होगी।
हालांकि, पिछले महीने जब कैबिनेट ने प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, तब केंद्रीय शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी ने कहा था कि इसका लाभ दिल्ली की 69 समृद्ध कॉलोनियों को नहीं मिलेगा। दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा चिन्हित की गई इन कॉलोनियों में सैनिक फॉर्म, महेंद्रू एंक्लेव और अनंतराम डेयरी भी शामिल है।
इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को मिलेगा मालिकाना हक
विधेयक के कानून बन जाने के बाद इन कॉलोनियों में रहने वाले लोगों को अपने घरों पर मालिकाना हक मिल जाएगा। वो घरों की खरीद-बिक्री कर सकेंगे। उनके घरों की रजिस्ट्री हो सकेगी। लेकिन इसके लिए उन्हें कुछ कीमत भी चुकानी पड़ेगी। आस-पास की नियमित कॉलोनियों में मौजूदा सर्किल दर से उन्हें पेनाल्टी के साथ कुछ शुल्क चुकाने होंगे।