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मोदी सरकार ने शुरु की अपने अंतिम बजट की तैयारियां, वित्त मंत्रालय बजट बनाने में जुटा

अगले वित्त वर्ष के लिए बजट एक फरवरी को ही पेश किया जाएगा। इस साल के आम बजट में स्वायत्त संस्थाओं के लिए अलग से एक फंड बनाया जा रहा है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 19 Sep 2018 09:12 PM (IST)Updated: Wed, 19 Sep 2018 11:58 PM (IST)
मोदी सरकार ने शुरु की अपने अंतिम बजट की तैयारियां, वित्त मंत्रालय बजट बनाने में जुटा
मोदी सरकार ने शुरु की अपने अंतिम बजट की तैयारियां, वित्त मंत्रालय बजट बनाने में जुटा

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। मोदी सरकार ने अगले लोक सभा चुनाव से पहले पेश किए जाने वाले अपने अंतिम बजट की तैयारियां शुरु कर दी हैं। वित्त मंत्रालय 12 अक्टूबर से सभी विभागों के साथ बजट अनुमानों को लेकर चर्चा शुरु करने जा रहा है। इसके बाद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली अलग-अलग क्षेत्र के विशेषज्ञों के साथ बजट पूर्व चर्चा करेंगे।

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12 अक्टूबर से शुरु होगा बजट-पूर्व चर्चाओं का सिलसिला

सूत्रों ने कहा कि वित्त मंत्रालय की बजट डिवीजन ने बजट सर्कुलर 2019-20 जारी कर दिया है। इसी के साथ बजट की तैयारियों की औपचारिक शुरुआत हो गयी है। चुनावी साल में सरकार पूर्ण बजट पेश करने के बजाय लेखानुदान पेश करती है जिसे अंतरिम बजट भी कहा जाता है। इसमें सरकार अगले वित्त वर्ष के शुरुआती कुछ महीनों के लिए धनराशि की मांग करती है। चुनाव के बाद जो भी सरकार सत्ता में आती है, फिर वह पूर्ण बजट पेश करती है।

सूत्रों ने कहा कि बजट पूर्व बैठकों की शुरुआत 12 अक्टूबर से होगी। सभी मंत्रालयों के वित्तीय सलाहकारों को उनके विभागों से संबंधित बजट अनुमानों का ब्यौरा देने को कहा गया है। सभी विभागों को वित्त वर्ष 2018-19 के लिए संशोधित अनुमान तथा 2019-20 के बजट के लिए विभागवार व योजनावार राशि का भी स्पष्ट उल्लेख करने को कहा गया है।

बजट पूर्व बैठकों का दौर नवंबर के पहले सप्ताह तक चलेगा। हालांकि किस योजना के लिए कितनी धनराशि का आवंटन किया जाएगा, यह वित्त मंत्रालय सरकार के पास उपलब्ध संसाधनों का आकलन करने के बाद 15 जनवरी तक तय करेगा।

सूत्रों ने कहा कि इस साल के आम बजट में स्वायत्त संस्थाओं के लिए अलग से एक फंड बनाया जा रहा है। इस फंड में से स्वायत्त संस्थाओं को आवंटन किया जाएगा। आम बजट में जिन योजनाओं का आवंटन 10 करोड़ रुपये या उससे अधिक है, उनका विशेष रूप से उल्लेख किया जाएगा।

वित्त मंत्रालय ने सभी विभागों से साफ कहा कि 2019-20 के बजट में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जन जाति के सब प्लान में आवंटित धनराशि चालू वित्त वर्ष तथा पिछले साल के आम बजट में आवंटित राशि से कम नहीं होनी चाहिए।

उल्लेखनीय है कि जेटली ने एक फरवरी 2018 को चालू वित्त वर्ष के लिए 24.42 लाख करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। माना जा रहा है कि अगले वित्त वर्ष के लिए भी बजट एक फरवरी को ही पेश किया जाएगा।


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