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मोदी सरकार ने सेनाओं की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए दो हजार करोड़ के रक्षा सौदों को दी मंजूरी

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को रक्षा खरीद परिषद की बैठक में सेनाओं के लिये देश में ही बने दो हजार करोड़ रुपये की लागत के हथियार खरीदने का रास्ता साफ हो गया।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Fri, 13 Sep 2019 11:14 PM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 11:14 PM (IST)
मोदी सरकार ने सेनाओं की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए दो हजार करोड़ के रक्षा सौदों को दी मंजूरी
मोदी सरकार ने सेनाओं की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए दो हजार करोड़ के रक्षा सौदों को दी मंजूरी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने देश की सेनाओं की मारक क्षमता बढ़ाने के लिए लगभग 2000 करोड़ रुपये की रक्षा खरीद के सौदों को मंजूरी दे दी है। सरकार के इस फैसले से मेक इन इंडिया की नीति और स्वदेशी रक्षा उत्पादन को भारी बढ़ावा मिलेगा।

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राजनाथ की अध्यक्षता में बैठक

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में शुक्रवार को रक्षा खरीद परिषद की बैठक में यह अहम निर्णय लिया गया है। इस फैसले के बाद सेनाओं के लिये देश में ही बने दो हजार करोड़ रुपये की लागत के हथियार खरीदने का रास्ता साफ हो गया है।

रक्षा खरीद परिषद की बैठक

रक्षा खरीद परिषद की बैठक में लिये गए फैसलों की जानकारी देते हुए मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि सेना के टी-72 और टी-90 टैंकों की 125 मिमी.की तोपों के लिये विशेष गोले, आर्मर पियर्सिंग फिन स्टेबलाइज्ड डिस्कार्डिंग सेबोट (एपीएफ एसडीएस) के स्वदेशी विकास और उत्पादन को मंजूरी दे दी गई है।

वहीं डीएसी की इस बैठक में रक्षा शोध एवं विकास संगठन द्वारा विकसित और भारतीय उद्योगों द्वारा उत्पादित मैकेनिकल माइन लेयर (सेल्फ प्रोपेल्ड) भी खरीदने का फैसला लिया गया है। इससे भारतीय थलसेना की स्वचालित तरीके से बारुदी सुरंगे बिछाने की क्षमता में भारी इजाफा होगा।

रक्षा साजो सामान में 'मेक इन इंडिया' नीति लागू

गौरतलब है कि सरकार रक्षा साजो सामान के घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने के लिये 'मेक इन इंडिया' नीति लागू कर रही है। इसके तहत विदेशी हथियार कंपनियों को भी भारत में निवेश करने के लिये प्रोत्साहित किया जा रहा है।

बीईएल) के साथ आकाश मिसाइल सिस्टम खरीदने का करार

रक्षा मंत्रालय ने देश की रक्षा क्षेत्र की सार्वजनिक उपक्रम कंपनी भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ मिलकर वायुसेना के लिए आकाश मिसाइल सिस्टम की सात स्क्वाड्रन खरीदने का करार किया है, जिसकी लागत 5357 करोड़ तक आएगी। इन मिसाइलों को देश के अलग-अगल हिस्सों में तैनात किया जाएगा। बीईएल इस मिसाइल सिस्टम को तीन वर्ष के अंदर वायुसेना को सौंपेगा।


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