Move to Jagran APP

रूस-भारत गैस पाइपलाइन परियोजना पर मोदी और पुतिन सहमत

रूस एक ऐसी गैस पाइपलाइन परियोजना पर काम कर रहा है जो रूस से ईरान और फिर पाकिस्तान होते हुए भारत तक जाएगा।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Sun, 07 Oct 2018 06:51 PM (IST)Updated: Mon, 08 Oct 2018 07:17 AM (IST)
रूस-भारत गैस पाइपलाइन परियोजना पर मोदी और पुतिन सहमत
रूस-भारत गैस पाइपलाइन परियोजना पर मोदी और पुतिन सहमत

जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। मोदी और पुतिन के बीच पिछले शुक्रवार को हुई शिखर वार्ता में मिसाइल सिस्टम एस-400 की खरीद को लेकर हुए समझौते के अलावा भी बहुत कुछ ऐसा हुआ है जिसको लेकर अमेरिका की भृकुटी तन सकती है। मोदी और पुतिन ने रूस से ईरान होते हुए भारत तक गैस पाइपलाइन बिछाने की योजना पर भी विस्तार से बात की है। दोनों नेताओं के बीच इस बात की सहमति बनी है कि रूस से भारत तक गैस पाइपलाइन बिछाने के लिए जल्द से जल्द आशय पत्र पर हस्ताक्षर होने चाहिए। इस बारे में खुलासा भारत-रूस संयुक्त घोषणा पत्र में भी किया गया है, लेकिन संभवत: एस-400 सौदे को मिले प्रचार की वजह से इस पर किसी का खास ध्यान नहीं गया। जबकि इसमें पहली बार यह सूचना दी गई है कि दोनो देश इस पर एक संभाव्यता रिपोर्ट भी तैयार कर चुके है।

loksabha election banner

पाइपलाइन परियोजना पर रूस अपनी तरह से ईरान से कर रहा है वार्ता

संयुक्त बयान में कहा गया है कि दोनो पक्षों ने रूस से किसी दूसरे से होते हुए भारत तक बिछाये जाने वाले पाइपलाइन पर वर्ष 2017 में तैयार संभाव्यता रिपोर्ट पर चर्चा की है। यह सहमति बनी है कि पाइपलाइन रूट की संभावना पर लगातार दोनो देशों के मंत्रालयों व कंपनियों के बीच सहयोग जारी रहेगा। साथ ही दोनो देशों के संबंधित मंत्रालयों के बीच एक आशय पत्र पर जल्द ही हस्ताक्षर किया जाएगा।

अक्टूबर, 2016 में गोवा में हुई शिखर वार्ता में पहली बार हुई थी बात

संयुक्त घोषणा पत्र में रूस और भारत की तरफ से इस खुलासे के बारे में उच्च पदस्थ सूत्रों का कहना है कि अक्टूबर, 2016 के बाद से दोनो पक्षों में कई स्तरों पर इस पर बात हुई है, लेकिन अभी सब कुछ शुरुआती स्तर में है। जहां तक रूट की बात है तो सबसे संभावित रूट रूस व अफगानिस्तान होते हुए ईरान के चाबहार तक पहुंचाने की है।

रूस से इरान के चाबहार तक पाइपलाईन चाहता है भारत

भारत की मंशा भविष्य में चाबहार में एक बड़े आर्थिक व निवेश क्षेत्र स्थापित करने की है। ऐसे में इस पाइपलाइन से हासिल गैस का इस्तेमाल भारत चाबहार में औद्योगिकी फैक्ट्रियां में भी कर सकता है और साथ ही चाबहार से समुद्र के भीतर बिछाये पाइपलाइन के जरिए भारत तक भी लाने का खर्च बहुत ज्यादा नहीं होगा।

सनद रहे कि रूस के उप ऊर्जा मंत्री एनाटोली यानोवस्की ने हाल ही में कहा था कि रूस एक ऐसी गैस पाइपलाइन परियोजना पर काम कर रहा है जो रूस से ईरान और फिर पाकिस्तान होते हुए भारत तक जाएगा। सितंबर, 2018 के अंतिम हफ्ते में पाकिस्तान व रूस के बीच इस बारे में एक समझौता भी हुआ है। जबकि रूस और ईरान के बीच पहले ही पाइपलाइन बिछाने को लेकर समझौता हो चुका है।

यानोवस्की ने यह भी कहा है कि रूस और भारत के बीच भी इस तरह का एक समझौता होगा। भारतीय पक्ष इस बार में चुप है लेकिन जिस तरह से सालना शिखर वार्ता के बाद संयुक्त घोषणा पत्र में इस परियोजना का उल्लेख किया गया है उससे साफ है कि इस पर काम जारी है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.