आदर्श आचार संहिता उल्लंघन मामले पर चुनाव आयोग ने कहा, जताई गई असहमति आदेश का हिस्सा नहीं
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और दो अन्य सदस्य लवासा एवं सुशील चंद्रा ने इस मुद्दे पर विचार किया। आदेश में कहा गया है कि ऐसे मामलों में केवल बहुमत ही आदेशों का हिस्सा होंगे।
नई दिल्ली, पीटीआइ। चुनाव आयोग ने एक औपचारिक आदेश जारी कर साफ किया है कि असहमति को आदर्श आचार उल्लंघन के मामले से संबंधित आदेशों का हिस्सा नहीं बनाया जा सकता। इस मुद्दे के कारण चुनाव आयोग के शीर्ष अधिकारियों के बीच कटुता पैदा हो गई थी। चार जून को जारी अधिकृत आदेश में कहा गया है कि ऐसे मामलों में केवल बहुमत या सर्वसम्मति ही आदेशों का हिस्सा होंगे।
21 मई को चुनाव आयोग ने चुनाव आयुक्त अशोक लवासा की मांग को बहुमत से ठुकरा दिया था। चुनाव आयुक्त ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन पर आदेश में असहमति को शामिल किए जाने की मांग की थी।
मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा और दो अन्य सदस्य लवासा एवं सुशील चंद्रा ने इस मुद्दे पर विचार किया। इसके बाद आयोग ने कहा कि असहमति नोट्स और बहुमत विचार रिकार्ड का हिस्सा रहेंगे लेकिन उसे आदेश का हिस्सा नहीं बनाया जाएगा।
आदेश में कहा गया है कि लावासा ने कहा कि अल्पमत को अनिवार्य रूप से आदेश का हिस्सा बनाया जाए और उसे सार्वजनिक किया जाए। अरोड़ा और चंद्रा का विचार यह है कि अंतिम आदेश में केवल बहुमत या ध्वनिमत के नजरिये को ही रखा जाए। लवासा ने आयोग द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को 11 क्लीन चिट में से पांच पर असहमति जताई थी।
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