आज से किसानों का भूख हड़ताल शुरू, अगली वार्ता के लिए केंद्र सरकार ने भेजा है बुलावा
पांच दौर की वार्ता के बाद भी कोई समाधान न निकल पाने के बावजूद केंद्र ने फिर से किसानों को मिलने के लिए पत्र लिखा है जिसमें कहा है कि खुद ही तारीख तय कर मिलने के लिए आएं।
नई दिल्ली, एएनआइ। कृषि कानूनों की वापसी की मांग कर रहे किसानों का आंदोलन 26वें दिन सोमवार को भी जारी है। इस क्रम में सरकार की ओर से एक बार फिर किसानों को मिलने का बुलावा भेजा गया है। इस मुलाकात के लिए तारीख का निर्णय भी सरकार ने किसानों पर ही छोड़ दिया है। दूसरी ओर दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर 'सिंघु बॉर्डर' पर डटे किसानों ने कहा कि वे आज से भूख हड़ताल शुरू करेंगे।
पंजाब BKU के सेक्रेटरी बलवंत सिंह ने कहा, 'हर दिन 11 किसान 24 घंटे के लिए भूख हड़ताल करेंगे।' उन्होंने कहा, 'आज से शुरू होने जा रहे भूख हड़ताल के लिए नामों की लिस्ट तैयार कर ली गई है।' रविवार को किसान यूनियनों ने 24 घंटे के भूख हड़ताल की सोमवार से शुरुआत का ऐलान कर दिया था और 23 दिसंबर को 'किसान दिवस' के मौके पर लोगों से अपना भोजन त्यागने की अपील भी की। उन्होंने आगे कहा कि किसानों ने 25 से 27 दिसंबर तक हरियाणा टोल प्लाजा को फ्री करने का फैसला लिया है।
दरअसल, कृषि और परिवार कल्याण मंत्रालय ने आंदोलन कर रहे किसानों को पत्र लिखकर एक बार फिर से मिलने के लिए बुलाया। पत्र में किसानों के नेताओं से सरकार ने इस मुलाकात के लिए तारीख को लेकर भी सुझाव मांगे । साथ ही इसमें यह भी कहा गया है कि किसानों की ओर दिए गए प्रस्तावों पर चर्चा के लिए सरकार तैयार है। पत्र में यह भी जिक्र है, 'विभिन्न दौर की वार्ताओं में बार-बार यह अनुरोध किया गया कि वर्तमान ठंड एवं कोविड को देखते हुए 60 वर्ष से अधिक आयु के आंदोलनरत किसान, महिलाओं व बच्चों को वापस जाने हेतु यथाआवश्यक कार्रवाई करने का प्रयास सभी किसान संगठनों को करना चाहिए।'
इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के मौके पर मनाई जाने वाली किसान दिवस के मौके पर किसानों से भोजन का त्याग करने की अपील की। इससे पहले 8 दिसंबर को गृहमंत्री अमित शाह ने किसान प्रतिनिधिमंडल के 13 प्रतिनिधियों से वार्ता की थी। इसके एक दिन बाद ही केंद्र की ओर से भेजे गए प्रस्ताव को किसानों ने खारिज कर दिया। सैंकड़ों किसान 26 नवंबर से दिल्ली के बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं।
Ministry of Agriculture & Farmers Welfare writes a letter to protesting farmers, inviting them for a meet once again. In the letter, govt also sought suggestions for date of meeting from farmers' leaders. The letter states that the govt is ready to discuss farmers' apprehensions. pic.twitter.com/NyEUMD7LNa— ANI (@ANI) December 21, 2020