मंत्री नवाब मलिक ने कहा- मुस्लिमों को शैक्षिक आरक्षण देकर रहेगी महाराष्ट्र सरकार
अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि यह आरक्षण एससी एसटी और ओबीसी समुदायों को मिलने वाले आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना दिया जाएगा।
ठाणे, प्रेट्र। महाराष्ट्र के अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री नवाब मलिक ने शनिवार को फिर कहा कि प्रदेश सरकार मुस्लिमों को शैक्षिक संस्थानों में पांच फीसद आरक्षण देकर रहेगी। इसमें कानून सम्मत प्रक्रिया का पूरा पालन किया जाएगा।
मलिक ने कहा- भाजपा आरक्षण मसले पर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा
नवाब मलिक ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व में भाजपा नेता इस मसले पर लोगों को भ्रमित करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन महाराष्ट्र विकास अघाड़ी सरकार सभी संदेह दूर कर देगी।
मंत्री ने कहा- एससी, एसटी और ओबीसी को मिलने वाले आरक्षण से छेड़छाड़ नहींं होगा
उन्होंने कहा कि यह आरक्षण एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों को मिलने वाले आरक्षण से छेड़छाड़ किए बिना दिया जाएगा। भाजपा यह कहकर इन समुदाय के लोगों को गुमराह कर रही है कि मुस्लिमों को आरक्षण से उनका कोटा कम हो जाएगा।
उद्धव सरकार ने शैक्षिक संस्थानों में मुस्लिमों को पांच फीसद आरक्षण देगी
मलिक ने शुक्रवार को विधान परिषद में भी घोषणा की थी कि उद्धव ठाकरे सरकार ने शैक्षिक संस्थानों में मुस्लिमों को पांच फीसद आरक्षण देने का प्रस्ताव किया है। लेकिन उनकी इस घोषणा के कुछ घंटों बाद शिवसेना नेता और उनके कैबिनेट सहयोगी एकनाथ शिंदे ने कहा था कि अभी तक इस संदर्भ में कोई फैसला नहीं लिया गया है।
2014 में बांबे हाई कोर्ट ने नौकरियों में आरक्षण खारिज कर दिया था
मालूम हो कि अक्टूबर, 2014 में तत्कालीन कांग्रेस-राकांपा सरकार ने मुस्लिमों को नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण देने का फैसला किया था, लेकिन बांबे हाई कोर्ट ने नौकरियों में आरक्षण खारिज कर दिया था।
विहिप ने कहा- महाराष्ट्र सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति अपना रही
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के महामंत्री मिलिंद परांदे ने इस मामले पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा, 'मैंने इस आशय की खबरें पढ़ी हैं कि शिवसेना के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार ने शैक्षिक संस्थानों में मुस्लिमों को पांच फीसद आरक्षण दिया है। हालांकि, कइयों ने इन खबरों का खंडन किया है, लेकिन इस तरह की खबरें चिंताजनक हैं। महाराष्ट्र सरकार के ऐसे प्रयास मुस्लिम तुष्टिकरण की ओर जाते हैं। हिंदू समुदाय इस सरकार से उम्मीद करता है कि वे ऐसी कोशिशों में शामिल नहीं होंगे।'