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मंत्री हरदीप सिंह पुरी बोले- केंद्र सरकार जल्द जारी करेगी नई किराया नीति

पुरी ने कहा कि बहुत से लोग अपनी संपत्ति को किराये पर नहीं देना चाहते क्योंकि उन्हें लगता है कि यदि उनका कानूनी आधार कमजोर हुआ तो वे अपनी संपत्ति वापस नहीं हासिल कर पाएंगे।

By Shashank PandeyEdited By: Published: Fri, 21 Feb 2020 09:38 AM (IST)Updated: Fri, 21 Feb 2020 09:38 AM (IST)
मंत्री हरदीप सिंह पुरी बोले- केंद्र सरकार जल्द जारी करेगी नई किराया नीति
मंत्री हरदीप सिंह पुरी बोले- केंद्र सरकार जल्द जारी करेगी नई किराया नीति

नई दिल्ली, प्रेट्र। आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि उनका मंत्रालय बहुत जल्द नई किराया नीति जारी करेगा। एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा कि बहुत जल्द आप देश में एक किराया नीति देखेंगे। इससे शहरी इलाकों में आवास की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी। यह नीति देशभर में खाली पड़े लाखों मकानों को किराये पर देने के लिए प्रोत्साहित करेगी।

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पुरी ने कहा कि बहुत से लोग अपनी संपत्ति को किराये पर नहीं देना चाहते, क्योंकि उन्हें लगता है कि यदि उनका कानूनी आधार कमजोर हुआ तो वे अपनी संपत्ति वापस नहीं हासिल कर पाएंगे। उन्होंने कहा कि नई किराया नीति लोगों की इसी चिंता का समाधान करेगी। उन्होंने कहा कि किराया नीति में राज्य अपनी इच्छा अनुसार बदलाव कर सकेंगे। इससे बड़ी संख्या में ऐसे मकान उपलब्ध होंगे जो अभी तक उपयोग में नहीं हैं। पुरी के पास आवास और शहरी मामलों के अलावा नागरिक उड्डयन मंत्रालय का भी स्वतंत्र प्रभार है।

सेंट्रल विस्टा का पुनर्निर्माण नहीं करने का कोई कारण नहीं- पुरी

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने गुरुवार को कहा कि नॉर्थ और साउथ ब्लॉक समेत अन्य सरकारी भवन 100 साल से भी ज्यादा पहले बनाए गए थे, इसलिए विरासत का संरक्षण करते हुए सौंदर्य की दृष्टि से सेंट्रल विस्टा का पुनर्निर्माण नहीं करने का कोई कारण नहीं बनता। आवास व शहरी मामलों के मंत्री ने कहा कि कुछ लोग बिना किसी जानकारी के सेंट्रल विस्टा के पुनर्निर्माण पर बातें कर रहे हैं।

उन्होंने यहां एक कार्यक्रम में कहा, 'हर 100 साल में किसी न किसी को जिम्मेदारी उठानी होती है। यह निर्णय करना होता है कि शहर को कैसा दिखना चाहिए। दिल्ली की सरकारी इमारतें, राष्ट्रपति भवन, नॉर्थ ब्लॉक, साउथ ब्लॉक, 1910 या 1920 के आसपास बने थे।' पुरी ने कहा कि हम किराए पर हजारों करोड़ रुपये खर्च कर रहे हैं, जबकि हमारे पास जमीन है, इसलिए यह जरूरी है कि हम विरासत को संरक्षित रखते हुए वास्तु और सौंदर्य की दृष्टि से दिल्ली को नया और बेहतर बनाएं।


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