अमेरिकी विदेश और रक्षा मंत्री आज आएंगे भारत, टू-प्लस-टू वार्ता में होंगे शामिल, यह होगा बातचीत का एजेंडा
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो और रक्षा मंत्री मार्क टी. एस्पर टू प्लस टू मंत्री स्तरीय वार्ता के लिए सोमवार को यहां पहुंचेंगे। वार्ता में भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे। जानें क्या होगा वार्ता का एजेंडा...
नई दिल्ली/वाशिंगटन, पीटीआइ। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो और रक्षा मंत्री मार्क टी. एस्पर 'टू प्लस टू' मंत्री स्तरीय वार्ता के लिए सोमवार को यहां पहुंचेंगे। भारत का चीन के साथ जारी सीमा विवाद और अमेरिका में राष्ट्रपति चुनावों से एक हफ्ते पहले वार्ता के तीसरे संस्करण में हिस्सा लेने दोनों नेता यहां आ रहे हैं। टू प्लस टू वार्ता मंगलवार को होगी। वार्ता में भारतीय पक्ष का नेतृत्व विदेश मंत्री एस जयशंकर और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह करेंगे।
अधिकारियों ने बताया कि अमेरिका के रक्षा मंत्री एस्पर को सोमवार की दोपहर रायसीना हिल्स के साउथ ब्लॉक के लॉन में सलामी गारद पेश किया जाएगा। पोंपियो और एस्पर अपने भारतीय समकक्षों के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे। उनका प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का भी कार्यक्रम है। अमेरिका में चुनाव से महज एक हफ्ते पहले ट्रंप के दो शीर्ष मंत्रियों की यह वार्ता बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट में कहा गया है कि वार्ता में कई महत्वपूर्ण द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी। इसमें हिंद-प्रशांत क्षेत्र में प्रभाव बढ़ाने का चीन का प्रयास और पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में उसका आक्रामक व्यवहार भी शामिल है। उम्मीद है कि दोनों पक्ष काफी समय से लंबित बेका (बेसिक एक्सचेंज एंड को-ऑपरेशन एग्रीमेंट) को भी अंतिम रूप देंगे ताकि द्विपक्षीय रक्षा संबंधों को और मजबूत बनाया जा सके।
बेका के तहत दोनों देशों के बीच अत्याधुनिक सैन्य प्रौद्योगिकी, साजो-सामान और भूस्थानिक मानचित्रों का आदान-प्रदान करना शामिल है। बीते कुछ वर्षों से भारत और अमेरिका के बीच रक्षा संबंधों में काफी तेजी आई है। बताया जाता है कि इस दौरान दोनों मंत्री भारत को ट्रंप के चीन विरोधी संदेश से अवगत कराएंगे। भारत का दौरा खत्म करने के बाद पोम्पिओ श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया की यात्रा भी करेंगे।
चीन धीरे-धीरे इन देशों को परोक्ष रूप से अपने चंगुल में फंसा रहा है। इन अमेरिकी नेताओं का श्रीलंका, मालदीव और इंडोनेशिया का दौरा भारत के लिए भी मुफीद माना जा रहा है। उधर अमेरिकी चुनाव मैदान में जो बिडेन को चीन के प्रति नरम रुख रखने वाला बताने की ट्रंप की कोशिशों ने भारत के मुद्दे को धार देने का काम किया है। बीते गुरुवार को ट्रंप ने चीन, रूस और भारत की हवा को गंदी बताया है। हालांकि, यह साफ नहीं है कि भारतीय इसे किस तरह से लेते हैं।