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देश के दुश्‍मनों की गिरफ्तारी पर क्‍यों बिफरीं महबूबा मुफ्ती, उठा रहीं ये सवाल

जेकेएलएफ के चेयरमैन यासीन मलिक को पुलिस ने शुक्रवार रात को गिरफ्तार कर लिया। श्रीनगर में विधि व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पुलिस ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध कर रखे हैं।

By Tilak RajEdited By: Published: Sat, 23 Feb 2019 10:49 AM (IST)Updated: Sat, 23 Feb 2019 11:42 AM (IST)
देश के दुश्‍मनों की गिरफ्तारी पर क्‍यों बिफरीं महबूबा मुफ्ती, उठा रहीं ये सवाल
देश के दुश्‍मनों की गिरफ्तारी पर क्‍यों बिफरीं महबूबा मुफ्ती, उठा रहीं ये सवाल

जम्‍मू, जेएनएन। पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्‍तान समेत हुर्रियत नेताओं पर भी शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस दौरान घाटी के 18 हुर्रियत नेताओं और 160 राजनीतिज्ञों से सुरक्षा वापस ले ली गई थी। उमर अब्दुल्ला ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई थी। अब जम्‍मू-कश्‍मीर की पूर्व मुख्‍यमंत्र महबूबा मुफ्ती ने हुर्रियत नेताओं की गिरफ्तारी पर सवाल उठाए हैं।

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हुर्रियत नेताओं की गिरफ्तारी पर महबूबा मुफ्ती ने अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए ट्वीट किया, 'पिछले 24 घंटों में हुर्रियत नेताओं और जमात संगठन के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया गया है। ऐसे मनमाने कदम को समझने में विफल हूं, जो केवल जम्मू-कश्मीर में मामलों को सुलझाएगी। किस कानूनी आधार के तहत उनकी गिरफ्तारी जायज है? आप सिर्फ किसी व्यक्ति को कैद कर सकते हैं, लेकिन उसके विचारों को नहीं।'

बता दें कि जेकेएलएफ के चेयरमैन यासीन मलिक को पुलिस ने शुक्रवार रात को गिरफ्तार कर लिया। श्रीनगर में विधि व्यवस्था बनाए रखने को लेकर पुलिस ने सुरक्षा के कड़े प्रबंध कर रखे हैं। पुलिस ने यासीन मलिक को कोठीबाग थाने में रखा है। जानकारी के अनुसार अनुच्छेद 35-ए पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू होनी है। ऐसे में पुलिस को आशंका है कि अलगाववादी पुलवामा हमले (Pulwama Terror Attack) के बाद देशभर में उपजे हालात के मद्देनजर कश्मीर के माहौल को खराब कर सकते हैं। हालांकि, किसी अन्य नेता को हिरासत में लेने की खबर नहीं है। गौरतलब है कि इस हमले के एक सप्ताह बाद यह कार्रवाई हुई है। इस हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

उमर अब्दुल्ला ने हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा वापसी को कहा था- घटिया कदम
हुर्रियत नेताओं की सुरक्षा वापस लेने को 'घटिया' कदम करार देते हुए जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला ने कहा था कि इससे राज्य में राजनैतिक गतिविधियों पर असर पड़ेगा। अब्दुल्ला ने यह भी कहा था कि मुख्यधारा के राजनीतिक कार्यकर्ताओं एवं कार्यालय पदाधिकारियों से सुरक्षा वापस लेना एक घटिया कदम है। उन्होंने राज्यपाल से इस फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा था। साथ ही चेतावनी भी दी थी कि वह इस मामले में कोर्ट भी जा सकते हैं।


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