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कृषि कानून वापस लेने पर सत्यपाल मलिक ने पीएम मोदी को दी बधाई, कहा- अब एमएसपी की मांग भी मान लीजिए

प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को गुरु नानक जयंती के मौके पर राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा की थी। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 24 Nov 2021 06:05 PM (IST)Updated: Thu, 25 Nov 2021 01:09 AM (IST)
कृषि कानून वापस लेने पर सत्यपाल मलिक ने पीएम मोदी को दी बधाई, कहा- अब एमएसपी की मांग भी मान लीजिए
मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कृषि कानूनों को वापस लेने के लिए प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी है।

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। प्रधानमंत्री मोदी ने शुक्रवार को गुरु नानक जयंती के मौके पर राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा की थी। मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने इसे लेकर प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी है। उन्‍होंने बुधवार को कहा कि आपने बहुत अच्छा काम किया है, आप समाधान की तरफ आगे बढ़े हैं। किसानों की एमएसपी की मांग मान लें और एक कमेटी बना दें तो यह मसला हल हो जाएगा और किसान धरना स्‍थलों से उठ जाएंगे।  

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सत्यपाल मलिक ने कहा कि किसानों की सभी मांगें नहीं मानी गई हैं। एमएसपी उनकी मूल मांग है। सरकार को इस मांग को स्वीकार कर एक कमेटी बनानी चाहिए। अगर वे ऐसा करते हैं तो किसान अपना आंदोलन वापस ले लेंगे। मैं एमएसपी और अन्य मुद्दों के समाधान के लिए समितियां गठि‍त किए जाने की दशा में किसानों से घर जाने की गुजारिश करूंगा। मैं उन्हें सलाह दूंगा कि वे इसे (विरोध) अनावश्यक रूप से ना बढ़ाएं। एमएसपी उनकी मूल मांग है और मैं इस मुद्दे पर उनके साथ हूं।

इसके साथ ही सत्यपाल मलिक (Meghalaya Governor Satyapal Malik) ने एकबार फिर दोहराया कि जिन लोगों ने मुझे राज्‍यपाल पद पर नियुक्त किया है। उनसे पद छोड़ने को लेकर कोई भी संकेत मिलते ही मैं राज्यपाल के पद से इस्‍तीफा दे दूंगा। मलिक ने कहा कि मैं एमएसपी पर किसानों के साथ हूं। बाकी चीजें बातचीत से हल हो सकती हैं। जहां तक सवाल कृषि कानूनों को वापस लेने का है तो इसमें देर तो हुई है। यदि कृषि कानूनों को काफी पहले ही वापस ले लिया गया होता तो सरकार को ज्‍यादा फायदा होता।

उल्‍लेखनीय है कि बीते दिनों मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने जयपुर में किसान आंदोलन का समाधान नहीं करने को लेकर केंद्र सरकार और भाजपा नेताओं पर निशाना साधा था। उनका कहना था कि कुत्ता भी मरता है तो दिल्ली के नेताओं का शोक संदेश आता है लेकिन 600 किसानों का शोक संदेश का प्रस्ताव लोकसभा में पास नहीं हुआ। मलिक ने जयपुर में ग्लोबल जाट समिट को संबोधित करते हुए कहा था कि किसान आंदोलन को समर्थन देने के लिए यदि उनका पद भी चला जाए तो उनको कोई भी मलाल नहीं होगा।


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