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Kerala Assembly: केरल विधानसभा सत्र की कार्यवाही के सीधे प्रसारण को लेकर मीडिया पर लगी रोक

केरल विधानसभा में मीडिया के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। आज से शुरू सत्र का सीधा प्रसारण नहीं हो सकेगा। इन्हें इंफार्मेशन एंड पब्लिक रिलेशंस डिपार्टमेंट की ओर से फुटेज मुहैया कराई जाएगी जिसका इस्तेमाल वे बाद में कर सकेंगे।

By Monika MinalEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 12:27 PM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 03:24 PM (IST)
Kerala Assembly: केरल विधानसभा सत्र की कार्यवाही के सीधे प्रसारण को लेकर मीडिया पर लगी रोक
केरल विधानसभा: कार्यवाही के सीधे प्रसारण को लेकर मीडिया पर लगी रोक

 तिरुअनंतपुरम, आइएएनएस। केरल विधानसभा में सोमवार को पांचवें सत्र की शुरुआत हुई। इसके साथ ही कार्यवाही की मीडिया कवरेज पर रोक लगा दी गई। इन्हें आज प्रश्न काल के लाइव कवरेज से साफ मना कर दिया गया के लिए इंकार कर दिया गया। टीवी मीडिया से कहा गया कि वे उसी वीडियो का इस्तेमाल करें जो इंफार्मेशन एंड पब्लिक रिलेशंस डिपार्टमेंट से मुहैया कराई जाए। पिनाराई विजयन सरकार के इस एक्ट का सभी विपक्षी पार्टियों ने विरोध किया। साथ ही अपने मोबाइल फोन से छह विपक्षी विधायकों की नारेबाजी का वीडियो बनाकर मीडिया को सौंप दिया।

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प्रश्नकाल की शुरुआत से ही विपक्ष ने शुरू कर दी नारेबाजी  

सुबह 9 बजे प्रश्नकाल की शुरुआत के साथ ही छह विपक्षी विधायकों ने पोस्टर लहराना शुरू कर दिया। काले शर्ट और मास्क में इन विधायकों ने राहुल के कार्यालय पर हमले का मुद्दा उठाया और नारेबाजी करने लगे। हंगामा बढ़ता देखकर स्पीकर एम.बी. राजेश ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। बता दें कि शुक्रवार को वायनाड में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के कार्यालय पर एसएफआई कार्यकर्ताओं के हमले और तोड़फोड़ से वाम सरकार को विधानसभा में परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। सोने की तस्करी मामले की मुख्य आरोपी स्वप्ना सुरेश द्वारा कुछ समय पहले किए गए खुलासों को लेकर सत्तारूढ़ माकपा और मुख्यमंत्री विजयन पहले से ही मुख्य विपक्षी दल के कड़े विरोध का सामना कर रहे हैं।

सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष

सत्र में कांग्रेस नीत विपक्षी गठबंधन यूडीएफ सोना तस्करी मामले में आरोपी स्वप्ना सुरेश द्वारा मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन पर लगाए गए सनसनीखेज आरोपों और राहुल गांधी के कार्यालय पर एसएफआई कार्यकर्ताओं के हमले को लेकर सरकार को घेरने की तैयारियों में जुटा है। मुख्य रूप से वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अनुदान की मांगों पर चर्चा करने और उन्हें पारित करने के लिए बुलाए जा रहे एक महीने लंबे सत्र के राजनीतिक रूप से हंगामेदार रहने की उम्मीद है, क्योंकि कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूडीएफ ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह हालिया विवादों के खिलाफ सदन में आवाज उठाएगा।


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