Move to Jagran APP

पूर्वी लद्दाख से जल्द हो सकती है चीनी सैनिकों की वापसी, विदेश मंत्रालय ने कही यह बड़ी बात

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार को कहा कि पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नजदीकी इलाकों से चीन के सैनिकों की वापसी की कोशिशें तेज हैं और उसमें जल्द सफलता मिल जाने की उम्मीद है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 02 Apr 2021 08:54 PM (IST)Updated: Sat, 03 Apr 2021 07:36 AM (IST)
पूर्वी लद्दाख से जल्द हो सकती है चीनी सैनिकों की वापसी, विदेश मंत्रालय ने कही यह बड़ी बात
एलएसी के नजदीकी इलाकों से चीन के सैनिकों की वापसी की कोशिशें तेज हैं...

नई दिल्ली, पीटीआइ। पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के नजदीकी इलाकों से चीन के सैनिकों की वापसी की कोशिशें तेज हैं और उसमें जल्द सफलता मिल जाने की उम्मीद है। दोनों देशों के बीच तनाव खत्म करने के लिए सीमा पर शांति और स्थिरता बनी रहनी जरूरी है। यह बात शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कही। प्रवक्ता ने बताया कि सैनिकों की वापसी के मसले पर दोनों देशों के सैन्य अधिकारी और राजनयिक एलएसी पर अप्रैल 2020 की स्थिति कायम करने पर वार्ता कर रहे हैं।

loksabha election banner

सैनिकों की वापसी पर देर ठीक नहीं 

बागची ने विदेश मंत्री एस जयशंकर के उस बयान का उल्लेख किया, जिसके अनुसार मामले को लटकाना किसी भी देश के हित में नहीं है। इसलिए हम उम्मीद करते हैं कि चीन जल्द ही सैनिकों की वापसी की प्रक्रिया पूरी कर लेगा। इससे न केवल शांति और स्थिरता स्थापित होगी बल्कि दोनों देशों के संबंधों में विकास भी होगा। प्रवक्ता ने बताया कि दोनों देशों के बीच अन्य मसलों पर भी गतिरोध तेजी से दूर करने के लिए सहमति बनी है।

दसवें चक्र की सैन्य वार्ता जल्‍द 

प्रवक्ता ने कहा, पैंगोंग लेक के दोनों किनारों से सैनिकों की वापसी महत्वपूर्ण कदम था। इससे दोनों देशों के बीच विश्वास की बहाली हुई। अब इस प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए वार्ता चल रही है। इस सिलसिले में जल्द ही दसवें चक्र की सैन्य वार्ता होने वाली है। 

इन इलाकों में बने हुए हैं चीन के सैनिक 

मालूम हो कि एलएसी पर सीमा विवाद पांच मई, 2020 को शुरू हुआ था जब चीन के सैनिक सीमा पारकर भारतीय इलाके में घुस आए थे। इसके जवाब में भारत ने एलएसी के ऊंचाई वाले इलाकों में अपने सैनिक भेज दिए। इसके बाद महीनों चली वार्ता के बाद पैंगोंग लेक के किनारों से दोनों देशों के सैनिकों की वापसी हुई। लेकिन डेपसांग, गोगरा और हॉट स्पि्रंग में चीनी सैनिक अभी भी बने हुए हैं।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.