भारतीय विदेश मंत्रालय की दो टूक, अपनी सीमा में ही रहे चीन, अखंडता के लिए हम प्रतिबद्ध
भारतीय विदेश मंत्रालय की दो टूक अपनी सीमा में ही रहे चीन संप्रभुता से समझौता नहीं
नई दिल्ली, एजेंसियां। भारतीय विदेश मंत्रालय ने चीन को साफ शब्दों में कहा है कि भारत संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता से कोई समझौता नहीं करेगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने गुरुवार को कहा कि भारत अपनी सीमा के भीतर निर्माण कार्य कर रहा है और चीन से भी यही उम्मीद करता है कि वह अपनी सीमा के भीतर ही गतिविधियों का संचालन करे। भारत अपनी संप्रभुता की रक्षा करने में सक्षम है। भारत मतभेदों के शांतिपूर्ण समाधान का हिमायती है लेकिन हर परिस्थिति का सामना करने को भी तैयार रहता है।
While we remain convinced of the need for maintenance of peace & tranquillity on border areas & resolution of differences through dialogue, at the same time as PM said yesterday, we are strongly committed to ensuring India's sovereignty & territorial integrity: MEA Spokesperson pic.twitter.com/yhkeCrkZ2O
— ANI (@ANI) June 18, 2020
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि बीते 15 जून की रात को चीन ने गलवन वैली में यथास्थिति को बदलने की कोशिश की। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच संपर्क अभी टूटा नहीं है और अलग-अलग स्तर पर बातचीत जारी है। विदेश मंत्रालय ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिसमें भारतीय जवानों के लापता होने की बात कही गई थी। मंत्रालय ने कहा कि भारत का कोई भी जवान गायब नहीं है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव (Anurag Srivastava) ने कहा कि जैसा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कल कहा था हम सीमा पर शांति के पक्षधर हैं और बातचीत से मतभेदों के समाधान पर यकीन रखते हैं लेकिन हम अपनी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता को सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ प्रतिबद्ध भी हैं। श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि भारत 23 जून को चीन और रूस के विदेश मंत्रियों के साथ बैठक करेगा। RIC समिट में इस बार कोरोना महामारी पर चर्चा होगी जिसमें भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए भाग लेंगे।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य के तौर शामिल होने के मसले पर विदेश मंत्रालय ने कहा कि UNSC द्वारा आतंकवाद निरोधी कार्रवाई को बढ़ाना भारत की मुख्य प्राथमिकताओं में शामिल होगा। भारत आने वाले दिनों में UNSC में आतंकी संस्थाओं पर प्रतिबंध लगाने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने का प्रयास करेगा। श्रीवास्तव ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में आतंकवाद से निपटने हमारी प्राथमिकता में रहेगा और आतंकियों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति आगे भी जारी रहेगी। एक सवाल पर उन्होंने कहा कि मतदान गुप्त था इसलिए यह पता नहीं है कि किन और देशों ने इसमें हमारा साथ नहीं दिया।