जैश-ए-मुहम्मद ने हमले की जिम्मेदारी ली, इससे बड़ा सुबूत पाक को क्या चाहिए: भारत
विदेश मंत्रालय का कहना है कि हमें इस बात का कोई आश्चर्य नहीं है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने पुलवामा में हमारे सुरक्षा बलों पर हमले को आतंकवाद की कार्रवाई मानने से इनकार कर दिया।
नई दिल्ली, एएनआइ। पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के जवाब का विदेश मंत्रालय ने पलटवार किया है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि हमें इस बात का कोई आश्चर्य नहीं है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने पुलवामा में हमारे सुरक्षा बलों पर हमले को आतंकवाद की कार्रवाई मानने से इनकार कर दिया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने न तो इस जघन्य कृत्य की निंदा की और न ही शहीदों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।
हमलों का सुबूत मांगना पाकिस्तान की रणनीति
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि पाकिस्तान के पीएम ने जैश-ए-मुहम्मद के साथ-साथ आतंकवादी द्वारा किए गए दावों को नजरअंदाज कर दिया, जिन्होंने इस जघन्य अपराध को अंजाम दिया। यह एक सर्वविदित तथ्य है कि जैश-ए-मुहम्मद और उसके नेता मसूद अजहर पाकिस्तान में रह रहे हैं। कार्रवार्इ के लिए पाकिस्तान के पास पर्याप्त साक्ष्य है। अगर भारत सुबूत देता है तो पाकिस्तान पीएम ने इस मामले की जांच करने की पेशकश की है।
यह एक असंतोषजनक बहाना है। इससे पहले 26/11 को मुंबई में हुए भीषण हमले में पाक को सुबूत मुहैया कराया गया था। इसके बावजूद मामले में 10 साल से अधिक समय तक कोई प्रगति नहीं हुई है। उसी तरह, पठानकोट में आतंकी हमला हुआ, जिसमें कोई प्रगति नहीं हुई।
आतंकियों के साथ मंच साझा करते हैं पाकिस्तान के मंत्री
पाक के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए कार्रवाई के आश्वासन के खोखले दावे किए गए। 'नए पाकिस्तान' में मंत्री हाफिज सईद जैसे आतंकवादी के साथ सार्वजनिक रूप से मंच साझा करते हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र द्वारा मुकदमा चलाया गया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने भारत को बातचीत के लिए बुलाया और आतंकवाद के बारे में बात करने के लिए अपनी तत्परता जाहिर की। भारत ने बार-बार कहा है कि वह आतंक और हिंसा से मुक्त माहौल में व्यापक द्विपक्षीय वार्ता में शामिल होने के लिए तैयार है।
आतंकवाद का केंद्र है पाकिस्तान
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान दुनिया से आतंकवाद का सबसे बड़ा शिकार होने का दावा करता है। यह सच्चाई से काफी दूर है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस वास्तविकता से अच्छी तरह परिचित है कि पाकिस्तान आतंकवाद का केंद्र है। पाक के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए कार्रवाई के आश्वासन के खोखले दावे किए गए।'नए पाकिस्तान' में मंत्री हाफिज सईद जैसे आतंकवादी के साथ सार्वजनिक रूप से मंच साझा करते हैं, जिन्हें संयुक्त राष्ट्र द्वारा मुकदमा चलाया गया है।
हमलों को रोकने के लिए बनाई जा रही रणनीति
रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि भविष्य में पुलवामा आतंकी हमले जैसी घटना न हो, इसके लिए हर प्रकार के प्रयास किए जा रहे हैं। हम जमीनी धरातल पर जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। सरकार की रणनीति को सार्वजनिक नहीं कर सकते। पाकिस्तान पीएम के बयान पर रक्षा मंत्री ने कहा कि मैं यह नहीं कहना चाहूंगी कि हमारी सरकार इस पर प्रतिक्रिया कैसे दे रही है क्योंकि कोई भी शब्द देश के प्रत्येक व्यक्ति के गुस्से और निराशा को समझाने के लिए पर्याप्त नहीं है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री पहले ही यह कह चुके हैं कि किसी भी समय जवाब देने के लिए सुरक्षा बलों को स्वतंत्रता दी गई है और जैसा कि उन्हें सही लगे। मुंबई हमले के बाद से ही हमने पाकिस्तान को सुबूत पर सुबूत दिए हैं लेकिन आजतक पाकिस्तान ने क्या कोई कार्रवाई की?
नए पाकिस्तान में दहशतगर्दी की कोई जगह नहीं : इमरान खान
गौरतलब है कि पुलवामा आतंकी हमले पर मंगलवार को पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि भारत बिना सबूत के हमारे ऊपर आरोप लगा रहा है। उन्होंने कहा कि मैं इस आरोप पर भारत सरकार के लिए जवाब दे रहा हूं। इस हमले में हमारा कोई हाथ नहीं है।
हम आतंकवाद पर भारत के साथ बातचीत करने के लिए भी तैयार हैं। इमरान ने कहा कि भारत हमेशा आतंकवाद पर बातचीत करने को कहता है, हम आतंकवाद पर बातचीत करने को तैयार हैं। मैं एक बार फिर बताना चाहता हूं कि ये नया पाकिस्तान है। नए पाकिस्तान में दहशतगर्दी की कोई जगह नहीं है। पाकिस्तान हर जांच के लिए तैयार है। उन्होंने कहा कि कोई भी जंग करना आसान है, लेकिन खत्म करना नहीं। जंग के बाद ये कहां तक जाएगी, कोई नहीं बता सकता।