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ऑल इंडिया रेडियो से सामने आईं #MeToo की शिकायतें, मेनका गांधी ने की जांच की मांग

ऑल इंडिया रेडियो में काम करने वाली महिलाओं द्वारा की गई यौन शोषण की शिकायतों को लेकर मेनका गांधी ने I&B मंत्रालय को पत्र लिख जांच की मांग की है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Thu, 15 Nov 2018 01:25 PM (IST)Updated: Thu, 15 Nov 2018 02:23 PM (IST)
ऑल इंडिया रेडियो से सामने आईं #MeToo की शिकायतें, मेनका गांधी ने की जांच की मांग
ऑल इंडिया रेडियो से सामने आईं #MeToo की शिकायतें, मेनका गांधी ने की जांच की मांग

नई दिल्ली, एएनआइ। यौन उत्पीड़न के खिलाफ शुरू हुए #MeToo अभियान के तहत ऑल इंडिया रेडियो में काम करने वाली महिलाएं भी सामने आई हैं। इन शिकायतों को लेकर महिला एवं बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से जांच की मांग की है। दरअसल, हाल में ऑल इंडिया रेडियो के देश भर में कई स्टेशनों में काम करने वाली महिला कर्मचारियों ने यौन दुर्व्यवहार की शिकायतें की हैं।

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दरअसल, यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बाद ऑल इंडिया रेडियो में काम करने वाली पीड़ित महिलाओं को काम नहीं दिया गया है। जिसे लेकर ऑल इंडिया रेडियो कैजुअल अनाउंसर एंड कम्पेरेस यूनियन (AICACU) ने मेनका गांधी को चिट्ठी लिखी थी, जिसके बाद उन्होंने केंद्रीय राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौड़ को मामले में सही जांच करने को कहा है।

ज्यादा शिकायतकर्ता कॉन्ट्रैक्ट पर कर रहीं हैं काम 

जानकारी के मुताबिक, यौन शोषण की शिकायत करने वाली ज्यादातर महिला कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाली हैं। इनमें से कुछ महिलाएं यहां पिछले दो दशक से काम कर रही थीं, हालांकि शिकायत करने के बाद उन्हें अब काम नहीं दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि सभी आरोपी ऑल इंडिया के परमानेंट कर्मचारी है। आरोप लगने के बाद कुछ को आरोपमुक्त कर दिया गया तो कुछ को ट्रांसफर कर दिया गया है। इसके अलावा उनपर कोई कार्रवाई नहीं की गई है।

एआईसीएसीयू ने अपने पत्र में लिखा

मामले में उचित कार्रवाई न होता देख एआईसीएसीयू की ओर से मेनका गांधी को एक पत्र लिखा गया। इसमें लिखा कि रेडियो में कैजुअल अनाउंसर/कॉम्पेयर्स/रेडियो जॉकी अधिकारियों के खिलाफ आवाज नहीं उठा पा रही हैं, क्योंकि उन्हें नौकरी खोने का डर है। जिन महिला कैजुअल ( कॉन्ट्रैक्ट) कर्मचारियों ने यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई थी, उन्हें उनके काम से निकाल दिया गया है। उनके हक में गवाही देने वाले कर्मचारियों को भी निशाना बनाया जा रहा है।'

आंतरिक समिति नहीं करती कोई कार्रवाई

इतना ही नहीं, कई महिला कर्मचारियों ने यह भी आरोप लगाया है कि शिकायत करने के बावजूद आंतरिक समिति कोई कार्रवाई नहीं करती है। पीड़ित महिलाओं ने अपनी आपबीती बताते हुए कहा कि उनके स्टेशन हेड उनको गलत तरीके से छूते तक हैं। इसकी शिकायत करने पर भी आंतरिक समिति कोई उचित कार्रवाई नहीं करती और आरोपियों को आरोपमुक्त कर दिया जाता है। कई कर्मचारियों ने बताया कि जबसे उन्होंने शिकायत की है, तब से उन्हें कोई असाइनमेंट (काम) नहीं मिल रहा है।


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