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अनुच्छेद 370 पर पूर्व के फैसलों में विरोध हो तभी मामला सात जजों की पीठ को: सुप्रीम कोर्ट

वरिष्ठ वकील जफर अहमद शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 1970 में संपत्त प्रकाश के फैसले में कहा गया था कि अनुच्छेद 370 को जारी रखा जाए।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 23 Jan 2020 12:53 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jan 2020 12:53 AM (IST)
अनुच्छेद 370 पर पूर्व के फैसलों में विरोध हो तभी मामला सात जजों की पीठ को: सुप्रीम कोर्ट
अनुच्छेद 370 पर पूर्व के फैसलों में विरोध हो तभी मामला सात जजों की पीठ को: सुप्रीम कोर्ट

नई दिल्ली, प्रेट्र। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह अनुच्छेद 370 के मामले को सात जजों की बड़ी संविधान पीठ को तभी भेजेगी जब सर्वोच्च अदालत के दो पूर्ववर्ती फैसलों के बीच सीधे तौर पर विरोधाभास होगा।

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अनुच्छेद 370 पर पूर्व के दो फैसलों को पांच जजों की पीठ ने सुनाया था

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को कहा कि अगर याचिकाकर्ता वर्ष 1959 के प्रेमनाथ कौल बनाम जम्मू-कश्मीर के फैसले और 1970 में संपत्त प्रकाश बनाम जम्मू और कश्मीर के फैसले में अगर कोई गंभीर विरोधाभास दिखा सकेंगे, तभी अनुच्छेद 370 के मामले को सात जजों की बड़ी बेंच को सौंपा जाएगा। इन दोनों ही फैसलों में पांच जजों की पीठ ने फैसला सुनाया था।

जम्मू और कश्मीर बार संघ ने कहा- केंद्र ने अनुच्छेद-370 को अवैध बताते हुए हटा दिया था

जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को बुधवार को जम्मू और कश्मीर की बार एसोसिएशन ने बताया कि केंद्र सरकार ने पिछले साल पांच अगस्त को अनुच्छेद-370 को अवैध बताते हुए हटा दिया था।

पीठ ने कहा- सुप्रीम कोर्ट के दोनों फैसलों में विपरीत बात साबित होनी चाहिए

इस खंडपीठ में शामिल जस्टिस संजय किशन कौल, आर.सुभाष रेड्डी, बीआर गवई और सूर्यकांत ने कहा कि आपको हमें दिखाना होगा कि सुप्रीम कोर्ट के दोनों फैसलों के बीच विरोधाभास है। तभी इस मामले को बड़ी बेंच को रेफर किया जाएगा, लेकिन इसके लिए फैसलों में विपरीत बात साबित होनी चाहिए।

भारत और जम्मू-कश्मीर के संविधान को अनुच्छेद 370 से जोड़ा गया था

वकीलों के संगठन की ओर से पेश वरिष्ठ वकील जफर अहमद शाह ने कहा कि भारतीय संविधान और जम्मू व कश्मीर का संविधान एक-दूसरे के समानांतर थे। इन दोनों को आपस में अनुच्छेद 370 से जोड़ा गया था।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले में कहा गया था कि अनुच्छेद 370 को जारी रखा जाए

उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के संपत्त प्रकाश के फैसले में कहा गया था कि अनुच्छेद 370 को जारी रखा जाए। शाह ने कहा कि दोनों ही संविधान साथ-साथ चल रहे थे। अनुच्छेद-370 की उपधारा (2) इसीलिए थी, ताकि दोनों संविधानों में कोई संघर्ष न हो। इसलिए उन्होंने इस मामले को विचार के लिए सात जजों की संविधान पीठ को सौंपने का आग्रह किया।


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