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पर्रिकर पहले या दूसरे नहीं बल्कि ऐसे 18वें मुख्यमंत्री थे जिनका सीएम रहते हुआ निधन

मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए दुनिया को अलविदा कहने वाले मनोहर पर्रिकर भारत के 18वें और गोवा के दूसरे मुख्यमंत्री थे। उनसे पहले पद पर रहते हुए 17 मुख्यमंत्रियों का निधन हो चुका है।

By Kamal VermaEdited By: Published: Tue, 19 Mar 2019 11:34 AM (IST)Updated: Tue, 19 Mar 2019 11:34 AM (IST)
पर्रिकर पहले या दूसरे नहीं बल्कि ऐसे 18वें मुख्यमंत्री थे जिनका सीएम रहते हुआ निधन
पर्रिकर पहले या दूसरे नहीं बल्कि ऐसे 18वें मुख्यमंत्री थे जिनका सीएम रहते हुआ निधन

नई दिल्‍ली [जागरण स्‍पेशल]। मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए दुनिया को अलविदा कहने वाले मनोहर पर्रिकर भारत के 18वें और गोवा के दूसरे मुख्यमंत्री थे। उनसे पहले पद पर रहते हुए 17 मुख्यमंत्रियों का निधन हो चुका है।पर्रिकर की जहां तक बात है तो वह राजनीति में मिस्‍टर क्‍लीन के रूप में जाने जाते थे। इसके अलावा उनकी पहचान स्‍कूटी वाले सीएम की भी थी। हाफ शर्ट उनका ट्रेड मार्क थी। गोवा ही नहीं बल्कि उनका राष्‍ट्रीय राजनीति में भी बड़ा कद था। 

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गोपीनाथ बोरदोलोई
असम के पहले मुख्यमंत्री बोरदोलोई ने अपनी संप्रभुता को सुरक्षित करने के लिए चीन और पाकिस्तान के खिलाफ सरदार वल्लभभाई पटेल के साथ मिलकर काम किया। उनका निधन 6 अगस्त, 1950 को हुआ। 1999 में मरणोपरांत उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया।

बिधानचंद्र रॉय
प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी और चिकित्सक बिधानचंद्र रॉय प. बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री थे। वह 1948 से 1962 में अपनी मृत्यु तक 14 साल तक इस पद पर रहे। इन्होंने दुर्गापुर, कल्याणी, बिधान नगर, अशोक नगर और हाबरा जैसे पांच शहरों की स्थापना की थी। राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस उनके जन्म और मृत्यु की तारीख को हर साल मनाया जाता है।

मारोतराव कन्नमवार
नव-निर्मित महाराष्ट्र राज्य के दूसरे मुख्यमंत्री कन्नमवार ने 1962 में वाईबी चव्हाण का स्थान लिया, लेकिन केवल एक वर्ष और चार दिन के कार्यकाल के बाद उनकी मृत्यु हो गई।



बलवंतराय मेहता
25 फरवरी, 1963 को मुख्यमंत्री बने बलवंतराय मेहता एकमात्र भारतीय सीएम हैं, जो युद्ध मेंहताहत हुए थे। 1965 के भारत- पाक युद्ध के दौरान, उनके विमान को 19 सितंबर, 1965 को पाकिस्तान वायु सेना द्वारा गोली मार दी गई थी, वह एक सीमा क्षेत्र से लौट रहे थे। इस घटना में उनकी मौत हो गई थी।

सीएन अन्नादुरई
अन्नादुरई 1967-1969 तक मद्रास के पांचवें और आखिरी मुख्यमंत्री बने और राज्य के नाम में बदलाव होने पर वे तमिलनाडु के पहले सीएम बने। लेकिन केवल 20 दिनों के लिए ही पद संभाला। फरवरी 1969 में कैंसर से उनका निधन हो गया।

चिमनभाई पटेल
जुलाई 1973 से 9 फरवरी, 1974 तक पद पर रहे। बाद में उन्हें भ्रष्टाचार के आरोपों में नव निर्माण आंदोलन के तहत कार्यालय से बाहर कर दिया गया। 4 मार्च, 1990 को फिर से सीएम चुने गए। लेकिन बाद में कांग्रेस का दामन थाम लिया और 17 फरवरी, 1994 को अपनी मृत्यु तक सत्ता में रहे। वह भारत के पहले सीएम थे जिन्होंने हिंदू और जैन त्योहारों पर गोहत्या पर प्रतिबंध लगाने और मांस की बिक्री पर रोक के लिए एक विधेयक पारित किया था।

वाईएस राजशेखर रेड्डी
2004 से 2009 के दौरान दो बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। अपने दूसरे कार्यकाल के दौरान तीन सितंबर, 2009 को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में निधन हुआ।

दोरजी खांडू
2007 में अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। अक्टूबर 2009 में फिर से चुने गए लेकिन 30 अप्रैल, 2011 को हेलीकॉप्टर दुर्घटना में काल-कवलित हुए। भारतीय सेना की खुफिया इकाई में सात साल तक अपनी सेवा दे चुके थे। बांग्लादेश युद्ध में अपने पराक्रम के लिए गोल्ड मेडल मिल चुका था।

मुफ्ती मुहम्मद सईद
दो बार जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रहे सईद की मृत्यु सात जनवरी 2016 को हुई। मूल रूप से कांग्रेसी रहे सईद बाद में वीपी सिंह की जनमोर्चा में शामिल हुए। 1989-90 के दौरान देश के पहले मुस्लिम गृहमंत्री रहे। 2002-05 तक कांग्रेस के साथ जम्मू-कश्मीर में सरकार बनाई जबकि 2015-16 में सरकार बनाने को भाजपा का दामन थामा।

जे जयललिता
तमिलनाडु की पांचवी बार मुख्यमंत्री रहने के दौरान पांच दिसंबर 2016 को मृत्यु हुई। 1991 से 2016 तक 15 साल प्रदेश की सीएम रहीं। प्रशंसकों और पार्टी कार्यकर्ताओं के बीच अम्मा के नाम से लोकप्रिय रहीं जयललिता 1991 में सीएम बनीं। 2001 में दोबारा सत्ता में आईं लेकिन विवादों के चलते पद से हटना पड़ा। बरी होने के बाद 2002 में फिर सीएम बनीं और 2006 तक पद पर रहीं। भ्रष्टाचार के मामले में सितंबर 2014 को पद से फिर हटना पड़ा। बरी होने पर मई 2015 में पार्टी की कमान संभाली और 2016 में उसे सत्ता तक पहुंचाया।

दयानंद बंदोदकर
भाऊसाहेब नाम से लोकप्रिय रहे बंदोदकर पुर्तगाली शासन से मुक्ति के बाद गोवा के पहले मुख्यमंत्री थे। वह 1963, 1967 और 1972 में चुनाव जीते और 1973 में मृत्यु तक सत्ता में बने रहे।

बरकतउल्ला खान
राजस्थान के एकमात्र मुस्लिम मुख्यमंत्री खान का दिल का दौरा पड़ने से देहांत हो गया था। वह 9 जुलाई, 1971 से 11 अक्टूबर, 1973 तक दो साल तक सीएम रहे।

शेख अब्दुल्ला
शेर-ए-कश्मीर नाम से मशहूर शेख अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर नेशनल कांफ्रेंस पार्टी के संस्थापक थे। तीन बार सरकार के प्रमुख के रूप में कार्य किया। 1982 में अपनी मृत्यु तक वे सीएम बने रहे।

एमजी रामचंद्रन
एमजीआर के रूप में लोकप्रिय एमजी रामचंद्रन ने तमिल फिल्मों में राज किया था। वह मुख्यमंत्री बनने वाले पहले फिल्म अभिनेता थे। उन्होंने 1977 से 10 साल तक तमिलनाडु का नेतृत्व किया। 1987 में उनकी मृत्यु के बाद, राज्य भर में व्यापक दंगे हुए थे और कई लोगों ने आत्महत्या कर ली थी।

बेअंत सिंह
1993 से 1995 तक पंजाब के मुख्यमंत्री रहे। सीएम रहते पंजाब में आतंकवाद को नेस्तनाबूद करने का इन्हें श्रेय जाता है। 31 अगस्त, 1995 को कार बम में आतंकियों ने इनकी जान ले ली।

रविशंकर शुक्ला
एक नवंबर,1956 को मध्य प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री बने थे, लेकिन 31 दिसंबर 1956 को ही देहांत हो गया था। उनके द्वारा ही भिलाई इस्पात संयंत्र चालू किया गया था।

श्री कृष्ण सिंह 
बिहार के पहले मुख्यमंत्री श्री कृष्ण सिंह 1937 में ब्रिटिश शासन में कांग्रेस के चुनाव जीतने के समय से ही 1961 तक इस पद पर आसीन रहे। 1961 को निधन हुआ।


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