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मनमोहन सिंह बोले, सामाजिक विद्वेष, मंदी और महामारी के खतरे का सामना कर रहा देश

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा भारत अभी तीन खतरों सामाजिक विद्वेष आर्थिक मंदी और वैश्विक महामारी का सामना कर रहा है।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Fri, 06 Mar 2020 10:46 PM (IST)Updated: Fri, 06 Mar 2020 10:46 PM (IST)
मनमोहन सिंह बोले, सामाजिक विद्वेष, मंदी और महामारी के खतरे का सामना कर रहा देश
मनमोहन सिंह बोले, सामाजिक विद्वेष, मंदी और महामारी के खतरे का सामना कर रहा देश

नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत अभी तीन खतरों सामाजिक विद्वेष, आर्थिक मंदी और वैश्विक महामारी का सामना कर रहा है। पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने शुक्रवार को यह चेतावनी देते हुए जोर देकर कहा कि खतरों के इस मिश्रण से न केवल भारत की आत्मा पर आघात होगा, बल्कि उसका वैश्विक रुख भी तबाह हो जाएगा।

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पूर्व पीएम ने चुनौतियों के समाधान के लिए सुझाव भी दिया

एक अंग्रेजी दैनिक में छपे अपने विचार में पूर्व प्रधानमंत्री ने यह चेतावनी दी और कहा कि हम जानते हैं कि भारत तेजी से पिछड़ता जा रहा है। मनमोहन ने चुनौतियों के समाधान के लिए सुझाव भी दिया है। अपने सुझाव को उन्होंने त्रिसूत्रीय योजना कहा है।

मनमोहन सिंह ने दिल्‍ली दंगों को मामला भी उठाया

उन्होंने कहा है कि सरकार कोरोना वायरस से निपटने के लिए सभी शक्ति लगाए और प्रयास करे, नागरिकता अधिनियम वापस ले या उसे संशोधित करे और उपभोक्ता मांग को बल देने और अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए विस्तृत वित्तीय योजना लाए। अपने बयान में पूर्व प्रधानमंत्री ने दिल्ली दंगे के मुद्दे को भी उठाया और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से देश के समक्ष स्थिति स्पष्ट करने को भी कहा है।

भारत माता की जय' नारे का हो रहा अनुचित इस्तेमाल

इससे पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक कार्यक्रम में कहा था कि राष्ट्रवाद और 'भारत माता की जय' नारे का भारत की 'उग्र और विशुद्ध भावनात्मक' छवि गढ़ने में गलत तरह से इस्तेमाल किया जा रहा है। यह लाखों निवासियों और नागरिकों को अलग कर देता है।

नेहरू की छवि गलत रूप से दिखाने की कोशिश

पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा था कि देश के एक तबके के पास दुर्भाग्यवश न तो इतिहास पढ़ने का धैर्य है या फिर वे अपने पूर्वाग्रह के अनुसार चलते हैं। नेहरू की छवि गलत रूप से दिखाने की कोशिश करते हैं, लेकिन मुझे भरोसा है, इतिहास में झूठ को नकारने की क्षमता है और हर चीज सही परिप्रेक्ष्य में रखने की क्षमता है।'


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