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Manipur Politics: शाह व नड्डा से मिल दिल्ली से लौटे CM बीरेन सिंह, बोले- जल्द सुलझेगा राजनीतिक संकट

गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद दिल्ली से मणिपुर लौटे मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य का राजनीतिक संकट जल्द ही सुलझ जाएगा।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 04 Jul 2020 03:56 PM (IST)Updated: Sat, 04 Jul 2020 03:56 PM (IST)
Manipur Politics: शाह व नड्डा से मिल दिल्ली से लौटे CM बीरेन सिंह, बोले-  जल्द सुलझेगा राजनीतिक संकट
Manipur Politics: शाह व नड्डा से मिल दिल्ली से लौटे CM बीरेन सिंह, बोले- जल्द सुलझेगा राजनीतिक संकट

इंफाल, पीटीआइ। गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिलने के बाद दिल्ली से मणिपुर लौटे मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने कहा कि राज्य का राजनीतिक संकट जल्द ही सुलझ जाएगा। गौरतलब है कि सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) के चार मंत्रियों ने इस्तीफा दिया था, जिससे सरकार संकट में आ गई थी। हालांकि, बाद में शाह और नड्डा के हस्तक्षेप के बाद वे एनडीए में लौट गए थे। इस घटनाक्रम के बाद बीरेन की यह पहली बार दिल्ली गए थे।

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शुक्रवार शाम को दिल्ली से आने पर, मुख्यमंत्री ने इंफाल हवाई अड्डे पर खुद ही कोरोना वायरस टेस्ट कराया और सैंपल के नेगेटिव आने के बाद घर गए। उन्होंने एयरपोर्ट पर पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि दिल्ली की यात्रा काफी अच्छी रही और मणिपुर में राज्यसभा चुनाव में महत्वपूर्ण जीत से केंद्रीय नेता बहुत खुश है। 19 जून को मणिपुर से एक मात्र राज्यसभा सीट के लिए चुनाव हुआ। इस दौरान नौ सत्तारूढ़ गठबंधन के सदस्यों के इस्तीफे से उत्पन्न राजनीतिक संकट के बाद भी भाजपा के उम्मीदवार लिम्बा सनजाओबा ने कांग्रेस के प्रतिद्वंद्वी को हराया था।

चार एनपीपी मंत्रियों, तीन भाजपा के बागियों के अलावा, तृणमूल कांग्रेस के विधायक और एक निर्दलीय विधायक ने 17 जून को मणिपुर में भाजपा के नेतृत्व वाले गठबंधन को छोड़ दिया था। पूर्वोत्तर में भाजपा के प्रमुख नेता हिमंत बिस्वा सरमा और मेघालय के मुख्यमंत्री और एनपीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कोनराड संगमा द्वारा केंद्रीय नेतृत्व के साथ निकट सहयोग से स्थिति को संभालने के बाद, चार एनपीपी विधायकों ने बाद में बीरेन सिंह के समर्थन में राज्यपाल नजमा हेपतुल्ला को समर्थन पत्र सौंपा।

एनपीपी मंत्रियों के लिए अभी तक घोषित किए गए विभागों के बारे में पूछे गए सवालों के जवाब में, बिरेन ने कहा, 'केंद्रीय नेतृत्व बहुत हस्तक्षेप नहीं करता है। हमारा राष्ट्रीय दल है। राष्ट्रीय नेताओं की सलाह और सुझाव लेना मेरा कर्तव्य है।' कैबिनेट में विभागों के बंटवारों को एनपीपी मंत्रियों ने सरकार से बाहर जाने का अहम कारण बताया था।


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