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पूर्वी पाकिस्तान से आए लोगों को ममता ने दी नागरिकता, बताई ये वजह

मुख्यमंत्री ने कहा कि छिंटमहल के लोगों के हित में दोनों देशों के बीच हुए करार के बाद यह ऐतिहासिक विधेयक लाया गया।

By Ravindra Pratap SingEdited By: Published: Mon, 19 Nov 2018 09:17 PM (IST)Updated: Tue, 20 Nov 2018 07:47 AM (IST)
पूर्वी पाकिस्तान से आए लोगों को ममता ने दी नागरिकता, बताई ये वजह
पूर्वी पाकिस्तान से आए लोगों को ममता ने दी नागरिकता, बताई ये वजह

राज्य ब्यूरो, कोलकाता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने देश की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और बांग्लादेश के पूर्व प्रधानमंत्री शेख मुजीबुर्रहमान के बीच हुए समझौते का हवाला देते हुए कहा है कि 1971 से पहले पूर्वी पाकिस्तान से आए सभी भारतीय नागरिक हैं। लेकिन कुछ पार्टियों ने उनपर अत्याचार किया है। अत्याचार से तंग आकर कुछ कुछ लोगों ने आत्महत्या की है। 1971 से पहले पूर्वी पाकिस्तान से आए सभी लोगों को राज्य सरकार सभी नागरिक सुविधाएं प्रदान करेगी।

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सोमवार को उत्तर बंगाल के छिंटमहल के निवासियों को भूमि पर अधिकार देने संबंधी विधानसभा में लाए गए द वेस्ट बंगाल लैंड लाज (रिपिलिंग बिल), 2018 पर हुई बहस के बाद मुख्यमंत्री ने ये बातें कहीं। तर्क-वितर्क के बाद छिंटमहल के निवासियों को भूमि पर अधिकार देने संबंधी विधेयक पारित हो गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि छिंटमहल के लोगों के हित में दोनों देशों के बीच हुए करार के बाद यह ऐतिहासिक विधेयक लाया गया। विधेयक पारित हो जाने के बाद छिंटमहल के निवासियों को भूमि के अधिकार, वोटर कार्ड और राशन कार्ड समेत अन्य सभी नागरिक अधिकार प्राप्त होंगे। छिंटमहल के लोगों के हित में दोनों देशों के बीच हुए करार के तहत बांग्लादेश के छोर पर रहने वाले 922 लोग भारत में चले आए थे।

छिंटमहल के भारतीय सीमा में 17160 एकड़ भूमि पर 36 हजार 334 लोग थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि छिंटमहल के पूरे क्षेत्र को पंचायत के दायरे में लाकर उन्हें हर तरह की नागरिक सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। ढांचागत सुविधाएं विकसित करने व उन्हें अन्य सारी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए केंद्र पर राज्य का 426 करोड़ रुपये बकाया है। अभी तक केंद्र से 579 करोड़ रुपये मिले हैं। लेकिन ढांचागत सुविधाएं तैयार करने में काफी खर्च है। छिंटमहल को सड़क मार्ग से जोड़ने के लिए एक ब्रिज बनाने में ही 400 करोड़ रुपये खर्च हो जाएंगे।


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