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दुर्गा पूजा के लिए फंड देने के ममता सरकार के फैसले को चुनौती

जस्टिस एसके कौल और केएम जोसेफ इस खंडपीठ के दो अन्य सदस्य हैं। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।

By Sachin BajpaiEdited By: Published: Thu, 11 Oct 2018 06:47 PM (IST)Updated: Thu, 11 Oct 2018 06:51 PM (IST)
दुर्गा पूजा के लिए फंड देने के ममता सरकार के फैसले को चुनौती
दुर्गा पूजा के लिए फंड देने के ममता सरकार के फैसले को चुनौती

नई दिल्ली, प्रेट्र : पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार द्वारा प्रत्येक दुर्गा पूजा समिति को 10 हजार रुपये फंड देने का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। इस फैसले को चुनौती देने वाले सामाजिक कार्यकर्ता ने गुरुवार को मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली खंडपीठ को बताया कि कलकत्ता हाई कोई ने राज्य सरकार के फैसले में दखल देने से इन्कार कर दिया है। जस्टिस एसके कौल और केएम जोसेफ इस खंडपीठ के दो अन्य सदस्य हैं। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।

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उल्लेखनीय है कि राज्य में 28 हजार दुर्गा पूजा समितियां हैं। हर समिति को 10 हजार रुपये फंड देने से सरकारी खजाने पर 28 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। याचिकाकर्ता के वकील सौरव दत्ता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राज्य सरकार का यह फैसला संविधान के पंथनिरपेक्ष ढांचे का उल्लंघन है। उन्होंने मामले में तत्काल सुनवाई की मांग की। उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट ने यह कहते हुए सुनवाई से इन्कार कर दिया कि इस तरह के फैसले लेने के लिए विधायिका के पास पर्याप्त अधिकार है।

10 सितंबर को ममता बनर्जी ने राज्य की सभी दुर्गा पूजा समितियों को 10 हजार रुपये फंड देने का एलान किया है। राज्य के शहरी इलाकों में लगभग तीन हजार और ग्रामीण इलाकों में लगभग 25 हजार दुर्गा पूजा समितियां हैं। ममता सरकार पर अक्सर हिंदुओं के साथ भेदभाव करने का आरोप लगता रहा है। आगामी चुनाव को देखते हुए सरकार के इस फैसले को हिंदू मतदाताओं को अपने पक्ष में करने के प्रयास के तौर पर देखा जा रहा है।


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