सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट से मचा बवाल, भड़के मालदीव ने जताई आपत्ति
स्वामी के बयान से केंद्र सरकार ने पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि ये उनके निजी विचार है और वह किसी को कुछ कहने से नहीं रोक सकते हैं।
नई दिल्ली, जेएनएन। अपने विवादित बयानों से अक्सर चर्चा में रहने वाले भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी के एक ट्वीट से बवाल खड़ा हो गया है। स्वामी के ट्वीट ने भारत और मालदीव के रिश्तों में खटास पैदा कर दी है। दरअसल, 24 अगस्त को सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट कर कहा था 'अगर मालदीव में चुनाव के दौरान गड़बड़ी होती है तो भारत को उस पर हमला बोल देना चाहिए।' स्वामी के ट्वीट के बाद भारत के पुराने साथी मालदीव ने नाराजगी जाहिर की है। हालांकि स्वामी के बयान से केंद्र सरकार ने पल्ला झाड़ते हुए कहा था कि ये उनके निजी विचार है और वह किसी को कुछ कहने से नहीं रोक सकते हैं।
स्वामी की सफाई
हालांकि सुब्रमण्यम स्वामी ने अपने बयान पर विवाद बढ़ता देख सफाई दी है। उन्होंने कहा 'मालदीव में मौजूद भारतीय नागरिकों के साथ गलत बर्ताव नहीं किया जा सकता। मेरी सलाह है कि ये भारत की जिम्मेदारी है कि मालदीव में वह अपने नागरिकों की रक्षा करे। मैं सरकार का प्रतिनिधित्व नहीं करता।'
गौरतलब है कि मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने 23 सितंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन की ओर से बाधा पहुंचाए जाने की आशंका जताई है। नशीद के इस बयान के बाद ही स्वामी ने मालदीव में हमले की बात कही थी।
यामीन सरकार के बाद से है संबंधों में तनाव
मालदीव में यामीन सरकार के आने के बाद से ही भारत के साथ उसके संबंधों में तनाव आया है। इसी वर्ष फरवरी में मालदीव की सुप्रीम कोर्ट ने आदेश जारी करके जेलों में बंद विरोधी दलों के राजनीतिज्ञों को रिहा करने को कहा था। भारत ने मालदीव से इस आदेश का पालन करने को कहा था। मालदीव में आपातकाल लागू करने के घटनाक्रम पर भी भारत ने अपनी कूटनीतिक आपत्ति जताई थी। लेकिन मालदीव सरकार ने ना तो कोर्ट के आदेश का ही पालन किया और न ही विश्व बिरादरी की ही कोई इज्जत की।