शिवसेना की अनोखी मांग, एक घंटे के लिए पंकजा को बनाएं मुख्यमंत्री
मराठा आरक्षण को लेकर महाराष्ट्र में शिवसेना ने फडणवीस पर हमला बोलते हुए पंकजा मुंडे को सीएम बनाने की पेशकश की है।
मुंबई (प्रेट्र)। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर हमला बोलते हुए शिवसेना ने शनिवार को अनोखी मांग रखी। शिवसेना ने कहा कि उनकी कैबिनेट सहयोगी पंकजा मुंडे को कम से कम एक घंटे के लिए मुख्यमंत्री बनाया जाए, ताकि मराठा आरक्षण फाइल पर काम हो सके। ग्रामीण विकास मंत्री पंकजा मुंडे ने हाल में ही कहा था कि यदि वे इंचार्ज होती तो इस मामले पर फैसला लेने में जरा भी देर नहीं लगाती।
बीड जिले में पार्ली के मराठा प्रदर्शनकारियों से बात करते हुए मुंडे ने कहा, ‘मेरे टेबल पर मराठा आरक्षण की फाइल होती तो मैं एक पल की भी देर नहीं लगाती। मामले में देरी इसलिए हो रही है, क्योंकि यह हाईकोर्ट में लंबित है।
पार्टी के मुखपत्र सामना के संपादकीय में शिवसेना ने मुंडे की बात को दूसरे अंदाज में बयान करते हुए कहा है कि सरकार मामले को लटका रही है। ‘यदि पंकजा मुंडे इस फाइल को बिना किसी मुश्किल के निपटा सकती हैं तो सर्वसम्मति से कम से कम एक घंटे के लिए उन्हें मुख्यमंत्री बना देना चाहिए, ताकि मराठा आरक्षण मामले का समाधान हो सके। पंकजा मुंडे के पक्ष को समझने की जरूरत है। मामले पर उनकी ओर से राजनीति करने का कोई कारण नहीं बनता। यदि वे प्रधानमंत्री से मामले में हस्तक्षेप करने का आग्रह कर सकती है तो फडणवीस दिल्ली जाकर ऐसा क्यों नहीं कर सकते?’
पार्टी ने प्रधानमंत्री पर कमेंट करते हुए कहा कि आमतौर पर वे दिल्ली में नहीं होते और देश के मामलों में उनकी कोई रुचि नहीं। मराठा मामले के समाधान के लिए केंद्र की मदद मांगने यदि मुख्यमंत्री दिल्ली जाते भी हैं तो वहां पीएम का मिलना मुश्किल है, क्योंकि अधिकतर वे देश से बाहर होते हैं। सेना ने कहा कि विरोध प्रदर्शनों को खत्म करना सरकार की नीति है। सामना में कहा गया है कि गुजरात में पाटीदार कोटा आंदोलन को खत्म कर दिया गया था। हार्दिक पटेल इसका चेहरा थे, इसलिए सरकार के लिए इसे खत्म करना आसान था। राजद्रोह का आरोप लगाकर हार्दिक को जेल भेज दिया गया। महाराष्ट्र में मराठा आंदोलन को खत्म करने के लिए सरकार इसी तरह का कदम उठा सकती है। हालांकि यहां आंदोलन को खत्म करना मुश्किल है, क्योंकि इस प्रदर्शन की अगुवाई समूचा मराठा समुदाय कर रहा है।
शिवसेना ने कहा कि मामले को बिगाड़ने के लिए अकेले फडणवीस पर आरोप लगाना ठीक नहीं है। शिवसेना के अनुसार, राज्य की कुल जनसंख्या का 30 फीसद मराठा समुदाय है जो 16 फीसद आरक्षण की मांग कर रहे हैं।