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Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सरकार के बदलते ही गर्माया आरे मेट्रो कारशेड का मुद्दा, शिंदे ने फाइल पुनः खोलने का दिए आदेश

महाराष्ट्र में आरे मेट्रो कारशेड का मुद्दा एक फिर गर्मा गया है। सरकार बदलते ही जहां सीएम एकनाथ शिंदे ने फाइल पुन खोलने का आदेश दिया है वहीं पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा कि इस मुद्दे पर शिवसेना चुप बैठने वाली नहीं है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 08:29 PM (IST)Updated: Sat, 02 Jul 2022 08:05 AM (IST)
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में सरकार के बदलते ही गर्माया आरे मेट्रो कारशेड का मुद्दा, शिंदे ने फाइल पुनः खोलने का दिए आदेश
महाराष्ट्र में आरे मेट्रो कारशेड का मुद्दा फिर गरमाया है (फाइल फोटो)

राज्य ब्यूरो, मुंबई। शिवसेनानीत महाविकास आघाड़ी सरकार जाते ही आरे मेट्रो कारशेड का मुद्दा फिर गर्मा गया है। क्योंकि गुरुवार को नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एवं उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शपथ लेने के कुछ ही मिनटों बाद हुई अपनी पहली कैबिनेट बैठक में अधिकारियों को आदेश दिए कि आरे मेट्रो कारशेड से संबंधित फाइलें पेश की जाएं। जबकि आज पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने इसी मुद्दे पर शिवसेना भवन में संवाददाता सम्मेलन कर संकेत दे दिए हैं कि शिवसेना इस मुद्दे पर शांत नहीं बैठेगी।

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गोरेगांव उपनगर एवं पवई के बीच आरे कालोनी एक हरित क्षेत्र है। देवेंद्र फडणवीस की पहली सरकार में इस हरित क्षेत्र के ही एक हिस्से पर मुंबई की मेट्रो रेल परियोजना-3 के लिए कारशेड बनाने का काम शुरू किया गया था। लेकिन 2019 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले शिवसेना के नेतृत्व में इस परियोजना का तगड़ा विरोध हुआ था, और महाविकास आघाड़ी सरकार बनते ही तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने आरे मेट्रो कारशेड परियोजना रद्द कर दी थी। उद्धव सरकार ने यह कारशेड पूर्वी उपनगर कांजुरमार्ग में बनाने का निश्चय किया था। लेकिन वह जमीन पर केंद्र सरकार का दावा होने के कारण मेट्रो कारशेड का काम ही आगे नहीं बढ़ सका।

अब राज्य में पुनः सत्ता परिवर्तन होते ही नए मुख्यमंत्री एवं उपमुख्यमंत्री ने जब इस मामले की फाइल पुनः खोलने के आदेश दिए, तो सत्ता से बेदखल हो चुके शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को बैठे-बैठाए एक मुद्दा मिल गया है। आज उन्होंने शिवसेना भवन में प्रेस से बात करते हुए कहा कि मेट्रो कारशेड को कांजुरमार्ग से आरे कालोनी स्थानांतरित करने की योजना से मैं बहुत दुखी हूं। अगर आप नाराज हैं, तो अपना गुस्सा मुझ पर निकालिए। लेकिन मुंबई के दिल पर खंजर न चलाइए। ये किसी की व्यक्तिगत संपत्ति नहीं है। माना जा रहा है कि यदि नई बनी शिंदे-फडणवीस सरकार आरे कालोनी में ही मेट्रो कारशेड परियोजना को आगे बढ़ाती है, तो शिवसेना पर्यावरण प्रेमी संस्थाओं को साथ लेकर इस मुद्दे पर बड़ा आंदोलन खड़ा करने की पूरी कोशिश करेगी।


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