Move to Jagran APP

Maharashtra Politics: भाजपा के चार उम्मीदवार घोषित, नहीं लगा पंकजा और खडसे का नंबर

माना जा रहा था कि भाजपा इन सीटों के लिए अपने नेताओं पंकजा मुंडे एकनाथ खडसे एवं विनोद तावड़े को विधान परिषद की सदस्यता देगी लेकिन शुक्रवार को घोषित सूची में इनके नाम नहीं है।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Sat, 09 May 2020 12:40 AM (IST)Updated: Sat, 09 May 2020 12:40 AM (IST)
Maharashtra Politics: भाजपा के चार उम्मीदवार घोषित, नहीं लगा पंकजा और खडसे का नंबर
Maharashtra Politics: भाजपा के चार उम्मीदवार घोषित, नहीं लगा पंकजा और खडसे का नंबर

राज्य ब्यूरो, मुंबई। महाराष्ट्र विधान परिषद चुनावों के लिए घोषित भाजपा उम्मीदवारों की सूची में न तो पंकजा मुंडे का नाम है, न एकनाथ खडसे का। भाजपा ने अपने हिस्से की चार सीटों के लिए चार ऐसे नाम घोषित कर दिए, जिनकी उम्मीद किसी को नहीं थी।

loksabha election banner

महाराष्ट्र की नौ विधान परिषद सीटों के लिए 21 मई को चुनाव होने हैं। ये चुनाव 24 अप्रैल को खाली हुई नौ सीटों के लिए हो रहे हैं। प्रत्येक सीट के लिए 29 विधानसभा सदस्यों के वोट की जरूरत है। भाजपा के पास अपने 105 और सहयोगी दलों के 11 सदस्य हैं। अर्थात उसके चार सदस्य आसानी से चुनकर आ सकते हैं। माना जा रहा था कि भाजपा इन सीटों के लिए अपने वरिष्ठ नेताओं पंकजा मुंडे, एकनाथ खडसे एवं विनोद तावड़े को विधान परिषद की सदस्यता देगी, लेकिन शुक्रवार को घोषित सूची में इन तीनों के नाम गायब मिले। उनके बदले चार नए नाम गोपीचंद पडालकर, प्रवीण दटके, अजीत गोपछड्डे एवं रंजीतसिंह मोहिते पाटिल के हैं।

रंजीतसिंह मोहिते पाटिल वरिष्ठ राकांपा नेता एवं पूर्व उपमुख्यमंत्री विजयसिंह मोहिते पाटिल के पुत्र हैं। रंजीतसिंह 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा में आए थे। गोपीचंद पडालकर पिछले विधानसभा चुनाव से ठीक पहले भाजपा में शामिल हुए थे। पिछड़ा वर्ग के पडालकर को भाजपा ने बारामती के दिग्गज नेता अजीत पवार के विरुद्ध टिकट दिया था। पडालकर जीत तो नहीं सके, लेकिन भाजपा ने अब विधान परिषद में जाने का रास्ता साफ कर दिया। धनगर समाज में पडालकर की पैठ अच्छी मानी जाती है। अन्य दो उम्मीदवार प्रवीण दटके एवं अजीत गोपछड्डे को मिला टिकट भी लोगों को अचरज में डाल रहा है।

बता दें कि पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा की दिग्गज नेता पंकजा मुंडे अपने ही चचेरे भाई राकांपा उम्मीदवार मुंडे से हार गई थीं। एकनाथ खडसे को तो भाजपा ने टिकट ही नहीं दिया था। इन दोनों को उम्मीद थी कि इस बार भाजपा उन्हें विधान परिषद में जाने का मौका देगी। पंकजा और खडसे, दोनों ही कुछ दिनों पहले भाजपा हाईकमान से अपनी नाराजगी भी खुलकर जाहिर कर चुके हैं। इसके बावजूद टिकट वितरण के समय भाजपा ने उनकी ओर ध्यान नहीं दिया।

---------------


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.