Maharashtra Crisis: दो निर्दलीय विधायकों ने विधानसभा उपाध्यक्ष जिरवाल को पद से हटाने की रखी मांग, जानें वजह
अब भाजपा समर्थक दो निर्दलीय विधायकों ने शिवसेना विधायक अजय चौधरी (Shiv Sena MLA Ajay Chaudhary) को पार्टी विधायक दल का नया नेता नियुक्त करने के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल की मंजूरी को लेकर आपत्ति दर्ज कराते हुए उन्हें (Narhari Zirwal) हटाने की मांग कर डाली है।
मुंबई, एजेंसियां। महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे एवं अन्य शिवसेना विधायकों की बगावत के कारण उद्धव ठाकरे की सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक अब भाजपा समर्थक दो निर्दलीय विधायकों ने शिवसेना विधायक अजय चौधरी (Shiv Sena MLA Ajay Chaudhary) को पार्टी विधायक दल का नया नेता नियुक्त करने के लिए विधानसभा उपाध्यक्ष नरहरि जिरवाल की मंजूरी को लेकर आपत्ति दर्ज कराते हुए उन्हें (Narhari Zirwal) हटाने की मांग कर डाली है।
निर्दलीय विधायकों विनोद अग्रवाल (Vinod Agrawal) और योगेश बाल्दी (Yogesh Baldi) ने विधानसभा उपाध्यक्ष के उक्त फैसले को लेकर उन्हें पद से हटाने की मांग की है। योगेश बाल्दी (Yogesh Baldi) ने पत्रकारों से कहा- विधानसभा उपाध्यक्ष (Narhari Zirwal) ऐसे निर्णय नहीं ले सकते है। ऐसी नियुक्तियों को मंजूरी देना अध्यक्ष का विशेषाधिकार होता है। हम जल्द ही इस मसले पर कानून सम्मत कदम उठाएंगे। निर्दलीय विधायकों के इस रुख से सूबे की सियासत में नया मोड़ आ गया है।
वहीं विधान भवन के पूर्व प्रधान सचिव डा. अनंत कलसे (Dr Anant Kalse) का कहना है कि संविधान के अनुच्छेद 180 के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष का पद खाली होने पर उपाध्यक्ष फैसला ले सकते हैं। ऐसे में मुझे नहीं लगता कि निर्दलीय विधायकों विनोद अग्रवाल (Vinod Agrawal) और योगेश बाल्दी (Yogesh Baldi) की यह मांग अदालत में टिक सकती है। सनद रहे राज्य विधानसभा अध्यक्ष का पद फरवरी 2021 से खाली पड़ा है। तब नाना पटोले को कांग्रेस की राज्य इकाई का प्रमुख नियुक्त किया गया था।
समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक दो निर्दलीय विधायकों का दावा है कि नरहरि जिरवाल को एकनाथ शिंदे समूह के विधायकों को अयोग्य ठहराने का कोई अधिकार नहीं है। निर्दलीय विधायकों का यह रुख ऐसे वक्त सामने आया है जब शिवसेना ने विधानसभा उपाध्यक्ष को पत्र लिखकर बागियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। वहीं शिवसेना नेता नीलम गोरहे का कहना है कि एकनाथ शिंदे शिवसेना के नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं।