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Maharashtra Crisis: 17 नवंबर को ‘अपना मुख्यमंत्री’ बनाने का शिवसेना का अरमान नहीं हुआ पूरा

Maharashtra Crisis बालासाहब ठाकरे की पुण्यतिथि पर अपने मुख्यमंत्री को शपथ दिलवाने का अरमान पूरा होता नहीं दिख रहा है।

By TaniskEdited By: Published: Sat, 16 Nov 2019 04:05 PM (IST)Updated: Sat, 16 Nov 2019 08:47 PM (IST)
Maharashtra Crisis: 17 नवंबर को ‘अपना मुख्यमंत्री’ बनाने का शिवसेना का अरमान नहीं हुआ पूरा
Maharashtra Crisis: 17 नवंबर को ‘अपना मुख्यमंत्री’ बनाने का शिवसेना का अरमान नहीं हुआ पूरा

ओमप्रकाश तिवारी, मुंबई। शिवसेना का अपने संस्थापक बालासाहब ठाकरे की पुण्यतिथि 17 नवंबर को अपने मुख्यमंत्री को शपथ दिलवाने का अरमान पूरा होता नहीं दिख रहा है। उसकी इस मांग को राकांपा अध्यक्ष शरद पवार ने यह कहते हुए खारिज कर दिया है कि सरकार बनाने में वक्त लग सकता है। 

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विधानसभा चुनाव के परिणाम आने के बाद से ही शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी पर ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री पद के लिए दबाव बनाना शुरु कर दिया था। लेकिन भाजपा के इस फार्मूले पर राजी न होने से दोनों दलों के बीच 35 साल पुराना गठबंधन टूट गया।

राजभवन तक जाकर भी खाली हाथ लौटना पड़ा

विपक्षी दलों कांग्रेस-राकांपा के साथ गठबंधन करते ही शिवसेना ने वहां भी मुख्यमंत्री पद की मांग रखी थी। उसे उम्मीद थी भाजपा को सत्ता से दूर रखने के लिए कांग्रेस-राकांपा उसे झटपट समर्थन दे देंगे और वह जल्दी ही अपने मुख्यमंत्री को शपथ दिलवा सकेगी। लेकिन कांग्रेस-राकांपा में बनी अनिश्चय की स्थिति के कारण शिवसेना के युवा नेता आदित्य ठाकरे को राजभवन तक जाकर भी खाली हाथ लौटना पड़ा। क्योंकि निर्धारित अवधि के भीतर वहां कांग्रेस-राकांपा के समर्थन का पत्र नहीं पहुंचा। उसके बाद से शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे कांग्रेस-राकांपा नेताओं से बैठक कर चुके हैं। शिवसेना के अन्य नेताओं की भी कांग्रेस-राकांपा के साथ बैठकें चल रही हैं। लेकिन किसी निष्कर्ष पर अभी तक नहीं पहुंचा जा सका है।   

कांग्रेस नेताओं के बयान ने जगाई थी उम्मीद

कांग्रेस और राकांपा दोनों दलों के प्रदेश स्तर के नेता सार्वजनिक रूप से यह बयान दे चुके हैं कि चूंकि शिवसेना का भाजपा से अलगाव ही मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर हुआ है, इसलिए उनकी गठबंधन सरकार में मुख्यमंत्री शिवसेना का ही बनेगा। कांग्रेस नेताओं के इस बयान के बाद शिवसेना को लगने लगा था कि जल्दी ही वह अपने मुख्यमंत्री को शपथ दिलवा सकेंगे।

शिवाजी पार्क में शपथ लेगा शिवसेना का मुख्यमंत्री 

शिवसेना की तरफ से इसके लिए बयान भी दिए जाने लगे थे कि उनके संस्थापक बालासाहब ठाकरे के समाधिस्थल शिवतीर्थ यानी दादर स्थित शिवाजी पार्क में उनका मुख्यमंत्री शपथ लेगा। शिवसेना के कुछ समर्थक राकांपा अध्यक्ष के पास यह मांग लेकर भी पहुंचे थे कि 17 नवंबर को वह महाशिवआघाड़ी की सरकार बनाने की पहल करें। ताकि रविवार को शिवसेना संस्थापक की सातवीं पुण्यतिथि पर शिवसेना अपने मुख्यमंत्री को शिवतीर्थ पर ही शपथ दिलवा सके।

अभी किसी दल को मुख्यमंत्री पद देने की बात तय नहीं

शिवसेना ने रविवार को यहां शक्तिप्रदर्शन की योजना बना रखी है। लेकिन पवार ने यह कहते हुए साफ मना कर दिया कि सरकार बनाने में वक्त लग सकता है। इससे पहले नागपुर में पवार स्पष्ट कर चुके हैं कि अभी किसी दल को मुख्यमंत्री पद देने की बात तय नहीं हुई है।  

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