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Maharashtra Crisis: फ‍िर छलका मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे का दर्द, बोले- जिनको हमने चुनाव जिताया उन्‍होंने ही पीठ में घोंपा छुरा

मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे का दर्द शुक्रवार को एकबार फ‍िर छलका। उन्‍होंने कहा कि शरद पवार और सोनिया गांधी ने हमारा समर्थन किया लेकिन हमारे अपने लोगों ने ही हमको धोखा दिया और हमारी पीठ में छुरा घोंपने का काम किया।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Fri, 24 Jun 2022 10:47 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jun 2022 06:41 AM (IST)
Maharashtra Crisis:  फ‍िर छलका मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे का दर्द, बोले- जिनको हमने चुनाव जिताया उन्‍होंने ही पीठ में घोंपा छुरा
मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे का दर्द शुक्रवार को एकबार फ‍िर छलका।

मुंबई, एजेंसियां। एकनाथ शिंदे समेत कई विधायकों की बगावत के चलते महाराष्ट्र में पैदा हुए सियासी संकट के बीच मुख्‍यमंत्री उद्धव ठाकरे का दर्द शुक्रवार को एकबार फ‍िर छलका। उन्‍होंने कहा कि शरद पवार और सोनिया गांधी ने हमारा समर्थन किया लेकिन हमारे अपने लोगों ने ही हमारी पीठ में छुरा घोंपने का काम किया। हमने उन लोगों को टिकट दिया। ये लोग अपने बलबूते चुनाव नहीं जीत सकते थे। हमने उन्हें विजयी बनाया लेकिन उन्‍होंने हमें धोखा दिया।

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मैं उनके साथ नहीं जाऊंगा

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एवं शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिस भाजपा ने हमारी पार्टी और मेरे परिवार को बदनाम किया आप (शिंदे गुट) उनके साथ ही जाने की बात कर रहे हैं। उनके साथ तो जाने का सवाल ही नहीं उठता है। विधायक अगर वहां जाना चाहते हैं तो वे सभी जा सकते हैं लेकिन मैं उनके (भाजपा) साथ नहीं जाऊंगा। चाहे वह विधायक हो या कोई और... जो भी हमें छोड़कर जाना चाहता है, वह आए हमें बताए और फिर जाए।

भाजपा के साथ रहने का भुगत रहे खामियाजा  

उद्धव ठाकरे ने कहा कि जब हिंदुत्व के नाम पर भाजपा और शिवसेना को अछूत माना जाता था और कोई भी भाजपा के साथ जाने को तैयार नहीं था, बालासाहेब ने कहा कि हिंदुत्व वोटों का विभाजन नहीं होना चाहिए। हम भाजपा के साथ रहे और अब इसका खामियाजा भुगत रहे हैं। जिन्होंने हमें छोड़ दिया उनके पास भाजपा में जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। भाजपा सिर्फ एक चीज चाहती है... शिवसेना को खत्म करना।

शिवसेना को खत्म करना चाहती है भाजपा

शुक्रवार रात पार्टी पार्षदों को संबोधित करते हुए उद्धव ने शिंदे और भाजपा को चुनौती दी कि वे शिवसेना के कैडर और उसके मतदाताओं को छीन कर दिखाएं। उन्होंने भाजपा पर शिवसेना को खत्म करने की कोशिश करने का आरोप भी लगाया क्योंकि वह नहीं चाहती कि हिंदू वोट बंटें। दिवंगत बालासाहब ठाकरे ने भी सिर्फ इसीलिए भाजपा से गठबंधन किया था ताकि हिंदू वोटों को बंटने से रोका जा सके।

अगला चुनाव भी नहीं जीत पाएंगे विद्रोही विधायक

इस वर्चुअल संबोधन में उद्धव ने कहा कि सामान्य शिवसेना कार्यकर्ता ही उनकी पूंजी हैं और जब तक वे उनके साथ हैं तब तक उन्हें किसी की आलोचना की परवाह नहीं। उन्होंने कहा कि विद्रोही गुट के पास भाजपा में शामिल होने के अलावा कोई और विकल्प नहीं है। अगर वे सरकार बनाने में सफल भी हो गए तो वह ज्यादा नहीं चलेगी क्योंकि उनमें से कई विधायक वास्तव में खुश नहीं हैं। विद्रोही विधायक अगला चुनाव भी नहीं जीत पाएंगे।

हम शांत हो सकते हैं, लेकिन कमजोर नहीं

इससे पहले उद्धव ठाकरे ने शुक्रवार को शिवसेना पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि मैं उन लोगों के साथ दोबारा कभी नहीं बैठ सकता, जिन्होंने 'मातोश्री' (उद्धव ठाकरे का निजी निवास) और हमारे परिवार पर हमला बोला है। हम शांत हो सकते हैं, लेकिन कमजोर नहीं हैं।उद्धव ने विद्रोही शिवसेना विधायकों का नेतृत्व कर रहे एकनाथ शिंदे पर हमला बोलते हुए कहा कि हमने उन्हें हमेशा महत्वपूर्ण मंत्रालय दिया। नगर विकास मंत्रालय हमेशा मुख्यमंत्री अपने पास रखता है। मैंने वह मंत्रालय भी उन्हें दिया।

शिवसेना कभी खत्म नहीं होगी

उद्धव ठाकरे ने ऐसा कहकर यह बताने की कोशिश की है कि हमेशा महत्वपूर्ण पद दिए जाने के बावजूद एकनाथ शिंदे ने उनके साथ गद्दारी की है। उद्धव ने शिंदे का नाम लिए बिना कहा कि आपको जितने विधायक चाहिए ले जाइए, लेकिन बालासाहब ठाकरे की लगाई जड़ मौजूद है। शिवसेना कभी खत्म नहीं होगी। असली शिवसेना हमारे पास ही है।उद्धव ने अपने पदाधिकारियों के सामने एक बार फिर भावनात्मक कार्ड खेलते हुए कहा कि हमारे कुछ विधायकों के भाजपा से हाथ मिला लेने के कारण हम दबाव में आ गए थे।

बताया कब शुरू हुआ साजिशों का दौर

उद्धव ने कहा कि लोग आज हमारे साथ हैं, मैं उन पर भरोसा करूंगा। आज की परिस्थिति को बिल्कुल वैसा ही समझिए, जिस समय शिवसेना का जन्म हुआ था। उद्धव ने बताया कि उनके खिलाफ साजिशों का दौर उस समय शुरू हुआ, जब उनकी गर्दन का आपरेशन हुआ था। पहले आपरेशन के दौरान एक दिन जगने के बाद मैंने महसूस किया कि मेरे कुछ अंग बिल्कुल काम नहीं कर रहे हैं। तब तुरंत मेरा दूसरा आपरेशन करना पड़ा। उस समय आदित्य ठाकरे विदेश गए थे। तभी मेरे विरोधियों ने साजिश रचनी शुरू कर दी थी। 


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