Maharashtra Political Crisis: संजय राउत ने बागी विधायकों पर कसा तंज, कहा- कब तक छिपोगे गुवाहाटी में, आना ही पड़ेगा चौपाटी में
Maharashtra Political Crisis शिवसेना नेता संजय राउत ने बागी विधायकों पर तंज कसा है। उन्होंने शायराना अंदाज में ट्वीट कर कहा कब तक छिपोगे गुवाहाटी में आना ही पड़ेगा चौपाटी में। बता दें महाराष्ट्र में राजनीतिक संकट गहराता जा रहा है।
मुंबई, एएनआइ। Maharashtra Political Crisis: महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने रविवार को बागी विधायकों के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट पर कटाक्ष किया और पूछा कि वे कब तक भारतीय जनता पार्टी शासित असम के गुवाहाटी में छिपे रहेंगे। आखिरकार उन्हें मुंबई लौटना ही होगा। बता दें, महाराष्ट्र में राजनीतिक उथल-पुथल उस समय शुरू हुआ, जब मंत्री एकनाथ शिंदे कुछ विधायकों के साथ सूरत और फिर गुवाहाटी गए, जहां उन्होंने पार्टी के 38 विधायकों के समर्थन का दावा किया।
कब तक छीपोगे गोहातीमे..
आना हि पडेगा.. चौपाटीमे.. pic.twitter.com/tu4HcBySSO
— Sanjay Raut (@rautsanjay61) June 26, 2022
डिप्टी स्पीकर ने 16 विधायकों को भेजा नोटिस
सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र के डिप्टी स्पीकर नरहरि जिरवाल (Maharashtra deputy speaker Narhari Zirwal) ने शिवसेना के 16 बागी विधायकों को नोटिस भेजा है. अयोग्यता की सुनवाई के लिए विधायकों को सोमवार को मुंबई में मौजूद रहना है।
- जिरवाल ने पहले शिंदे की जगह अजय चौधरी को शिवसेना विधायक दल के नेता के रूप में नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी।
- शिंदे राज्य के कैबिनेट मंत्री हैं, जिन्होंने शिवसेना नेतृत्व के खिलाफ विद्रोह किया था।
- जिरवाल ने शिवसेना के बागी विधायक भरत गोगावाले को सुनील प्रभु के स्थान पर विधायक दल का मुख्य सचेतक नियुक्त करने के शिंदे खेमे के सुझाव को भी ठुकरा दिया।
- दिलचस्प बात यह है कि शिंदे गुट ने अपने समूह का नाम 'शिवसेना बालासाहेब' रखा।
शिवसेना छोड़ने वाले अपने पिता के नाम पर वोट मांगें- राउत
शिवसेना के संस्थापक बालासाहेब ठाकरे के नाम पर समूह का नाम रखने पर उद्धव गुट से शिंदे गुट को तीखी प्रतिक्रियाओं का साामना करना पड़ रहा है। संजय राउत ने कहा, 'मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि शिवसेना छोड़ने वाले नेताओं को शिवसेना और बालासाहेब ठाकरे के नाम पर वोट नहीं मांगना चाहिए। अपने पिता के नाम पर वोट मांगें। महा विकास आघाड़ी एकजुट है।'
'हम सब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे'
उन्होंने कहा, "लोगों को पता चल जाएगा कि शाम तक पार्टी छोड़ने वालों के खिलाफ क्या कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने जो काम किया है वह काबिले तारीफ है। हम सभी उनके नेतृत्व में चुनाव लड़ेंगे।'
- एकनाथ शिंदे के पास शिवसेना के 56 विधायकों में से 38 विधायकों का समर्थन होने का दावा है, जो 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में पार्टी विधायकों की संख्या के दो-तिहाई से अधिक है।
- इसका मतलब है कि वे या तो पार्टी छोड़ सकते हैं और एक नया राजनीतिक दल बना सकते हैं या राज्य विधानसभा से अयोग्य घोषित किए बिना दूसरे के साथ विलय कर सकते हैं।
- इस बीच, शिवसेना के बागी विधायक दीपक केसरकर ने दावा किया है कि उनके गुट के पास दो-तिहाई बहुमत है।
'हम अभी भी शिवसेना में हैं'
केसरकर ने कहा, 'हम अभी भी शिवसेना में हैं। एक गलतफहमी है कि हमने पार्टी छोड़ दी है। हमने अभी-अभी अपने गुट को अलग किया है। हमारे पास दो-तिहाई बहुमत है जो हम चाहते थे। हमारे नए नेता को बहुमत से चुना जाता है। वे 16-17 से अधिक विधायक नहीं थे।'
- केसरकर ने कहा कि हम किसी अन्य पार्टी के साथ विलय नहीं कर रहे हैं।
- हमारे गुट को मान्यता दी जानी चाहिए।
- यदि ऐसा नहीं किया गया, तो हम अदालत में जाएंगे और अपना अस्तित्व साबित करेंगे।
- हमारे पास नंबर है, लेकिन हम सीएम उद्धव ठाकरे का सम्मान करते हैं, हम उनके खिलाफ नहीं बोलेंगे।
- हमें उस रास्ते पर चलना चाहिए जिस पर हमने विधानसभा चुनाव लड़ा था।
एकनाथ शिंदे बने बागी विधायकों के गुट के नेता
बता दें, एकनाथ शिंदे को हाल ही में सर्वसम्मति से उस गुट के नेता के रूप में चुना गया था जो उद्धव गुट के खिलाफ विद्रोह कर रहा है। उद्धव ठाकरे गुट ने हाल ही में 12 बागी विधायकों को अयोग्य ठहराने के लिए महाराष्ट्र विधानसभा के उपाध्यक्ष के समक्ष एक याचिका दायर की थी।