Move to Jagran APP

महाराष्ट्र में बढ़ा राजनीतिक घमासान, बागी विधायकों को मिल रही धमकियां, शिंदे ने बताया हमने ऐसा कदम क्यों उठाया ?

Maharashtra Political Crisis महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक घमासान के बीच शिवसेना के नेता अब धमकाने पर उतर आए हैं। जगह-जगह शिवसैनिक विद्रोही नेता एकनाथ शिंदे एवं उनके खेमे के अन्य विधायकों के घरों एवं कार्यालयों में तोड़फोड़ कर रहे हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Mon, 27 Jun 2022 10:27 AM (IST)Updated: Mon, 27 Jun 2022 10:46 AM (IST)
महाराष्ट्र में बढ़ा राजनीतिक घमासान, बागी विधायकों को मिल रही धमकियां, शिंदे ने बताया हमने ऐसा कदम क्यों उठाया ?
महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी है (फाइल फोटो)

नई दिल्ली, एजेंसी। महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक घमासान के बीच अपने विधायकों के विद्रोही होने से परेशान शिवसेना के नेता अब धमकाने पर उतर आए हैं। वे एक ओर केंद्र सरकार पर लोकतंत्र की हत्या का आरोप लगा रहे हैं, तो दूसरी ओर अपने ही शासन वाले राज्य में विद्रोही विधायकों को मुंबई लौटने की चुनौती दे रहे हैं। उनकी धमकियों का असर भी हो रहा है। जगह-जगह शिवसैनिक विद्रोही नेता एकनाथ शिंदे एवं उनके खेमे के अन्य विधायकों के घरों एवं कार्यालयों में तोड़फोड़ कर रहे हैं।

prime article banner

अब शिवसेना के सिर्फ 3 मंत्रियों का रह गया साथ

इतने बड़े स्तर पर विद्रोह के बाद शिवसेना में अब सिर्फ 16 विधायक और तीन मंत्री ही रह गए हैं। इन तीन मंत्रियों में भी दो उद्धव ठाकरे एवं अनिल परब विधान परिषद के सदस्य हैं। सिर्फ उद्धव के पुत्र आदित्य ठाकरे ही विधानसभा सदस्य हैं। रविवार को राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत भी शिंदे गुट में शामिल हो गए और गुवाहाटी पहुंच गए। इस दुर्गति के बावजूद शिवसेना अपनी ‘शैली’ छोड़ने को तैयार नहीं है। युवा नेता आदित्य ठाकरे से लेकर संजय राउत तक विद्रोही विधायकों को सीधी धमकियां दे रहे हैं।

... तो शिंदे ने ऐसा कदम इसलिए उठाया

वहीं एकनाथ शिंदे ने रविवार रात ट्वीट कर कहा कि बालासाहेब ठाकरे की शिवसेना उन लोगों का समर्थन कैसे कर सकती है जिनका मुंबई बम विस्फोट के दोषियों, दाऊद इब्राहिम और मुंबई के निर्दोष लोगों की जान लेने के लिए जिम्मेदार लोगों से सीधा संबंध था। इसलिए हमने ऐसा कदम उठाया है। वहीं  शिवसेना के विद्रोही नेता एकनाथ शिंदे ने आगे की रणनीति पर चर्चा करने के लिए गुवाहाटी के होटल में दोपहर 2 बजे बैठक बुलाई है।

'ज़िंदा लाश' वाले बयान पर संजय राउत की सफाई

शिवसेना नेता संजय राउत ने अपने 'ज़िंदा लाश' वाले बयान पर सफाई दी है। वह बोले कि जो लोग 40-40 साल तक पार्टी में रहते हैं और फिर भाग जाते हैं, उनका जमीर मर गया है, तो उसके बाद क्या बचता है? जिंदा लाश। यह राममनोहर लोहिया साहब के शब्द हैं। मैंने किसी की भावना को ठेस पहुंचाने का काम नहीं किया, मैंने सत्य कहा है।

सुप्रीम कोर्ट पर टिकी है सबकी नजरें

महाराष्ट्र के राजनीतिक मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में बागी गुट की दो अलग-अलग याचिकाओं पर आज  सुनवाई होगी। एक याचिका एकनाथ शिंदे की ओर से जारी की गई है, जबकि दूसरी याचिका बागी विधायक भरत गोगावले की ओर से दायर की गई है। दोनो्ं ही याचिकाओं में डिप्टी स्पीकर के फैसले को चुनौती दी गई है। सबसे पहले दो उस नोटिस को चुनौती दी गई है जिसमें 16 बागियों की सदस्यता समाप्त करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। वहीं, शिंदे को नेता पद से हटाने और अजय चौधरी को चीफ व्हिप नियुक्त करने के फैसले को भी चुनौती दी गई है। सुप्रीम कोर्ट में एकनाथ शिंदे का पक्ष वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और एनके पक्ष रखेंगे जबकि उद्धव कैंप की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी और देवदत्त कामत पैरवी करेंगे। शिंदे कैंप का दावा है कि उनके पास शिवसेना के 39 विधायक हैं, जबकि उद्धव के पास महज 16 विधायक हैं, ऐसे में नेता पद से हटाने और चीफ व्हिप नियुक्त करने का अधिकार उद्धव का नहीं बल्कि शिंदे का होना चाहिए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.