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Maharashtra Political Crisis: सियासी बवाल के बीच ट्व‍िटर पर भिड़े कांग्रेस के दो दिग्‍गज, आचार्य प्रमोद कृष्‍णम और जयराम रमेश में वार-पलटवार

कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्‍णम ने ट्वीट कर कहा कि उद्धव ठाकरे को मराठा गौरव की रक्षा करने के लिए मुख्‍यमंत्री के पद को त्‍यागने में देर नहीं करनी चाहिए। प्रमोद कृष्‍णम के इस बयान पर कांग्रेस के ही कद्दावर नेता जयराम रमेश ने पलटवार कर दिया...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 23 Jun 2022 01:44 AM (IST)Updated: Thu, 23 Jun 2022 05:54 AM (IST)
Maharashtra Political Crisis: सियासी बवाल के बीच ट्व‍िटर पर भिड़े कांग्रेस के दो दिग्‍गज, आचार्य प्रमोद कृष्‍णम और जयराम रमेश में वार-पलटवार
महाराष्‍ट्र में जारी सियासी खींचतान के बीच कांग्रेस के दो दिग्‍गज नेता ट्व‍िटर पर आपस में उलझ गए।

नई दिल्‍ली, पीटीआइ। महाराष्‍ट्र में जारी सियासी खींचतान के बीच कांग्रेस के दो दिग्‍गज नेता ट्व‍िटर पर आपस में उलझ गए। दरअसल कांग्रेस नेता प्रमोद कृष्‍णम ने बुधवार को ट्वीट कर कहा कि उद्धव ठाकरे जी को मराठा गौरव की रक्षा करने के लिए नैतिक मूल्‍यों का निर्वहन करते हुए मुख्‍यमंत्री के पद को त्‍यागने में एक पल की भी देर नहीं करनी चाहिए। हालांकि गरमाती सियासत के बीच कांग्रेस ने बाद में पार्टी नेता आचार्य प्रमोद कृष्णन की टिप्पणी से खुद को अलग कर लिया।

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कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता जयराम रमेश ने कहा कि यह ना तो कांग्रेस पार्टी के विचार हैं, ना ही आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस के अधिकृत प्रवक्ता हैं। इस पर प्रमोद कृष्णम ने फ‍िर प्रतिक्रिया दी। उन्‍होंने कहा कि अधिकृत तो टेम्प्रेरी होता है प्रभु, मैं तो परमानेंट हूं, फिर भी आपको कोई परेशानी है तो 'जयराम' जी की... कृष्णम ने हिंदी में अपने पहले ट्वीट में यह भी कहा था कि उद्धव ठाकरे को बालासाहेब ठाकरे की विरासत का सम्मान करना चाहिए जिन्होंने कभी भी सत्ता को अहमियत नहीं दी।

उल्‍लेखनीय है कि शिवसेना के दिग्‍गज नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी के कई विधायकों ने महाराष्‍ट्र की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के खिलाफ बगावत का बिगुल फूंक दिया है। शिंदे एवं अन्य बागी विधायक बुधवार को तड़के सूरत से असम के गुवाहाटी प्रस्‍थान कर गए। शिंदे ने अपने पक्ष में 46 विधायकों के समर्थन का दावा किया है। बागी विधायक दल का कहना है कि शिवसेना को राकांपा और कांग्रेस का साथ छोड़कर बाला साहेब ठाकरे के बताए मांर्ग का अनुशरण करना चाहिए।

इस बगावत ने शिवसेना के नेतृत्व वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को मुश्किल में डाल दिया है। यही नहीं इस घटनाक्रम के चलते शिवसेना में भी दरार पड़ती भी नजर आ रही है। सरकार को मुश्किल में फंसा देख शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने बुधवार को अपने संबोधन में मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने की पेशकश तक कर डाली। यहां तक कि वह परिवार समेत बुधवार रात को सरकारी बंगले 'वर्षा' से अपने निजी आवास 'मातोश्री' में चले गए। 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना के 55 विधायक हैं।


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