जल्द महाराष्ट्र में दूध में मिलावट होगा गैर-जमानती अपराध, हो सकती है 3 साल की जेल की सजा
जल्द महाराष्ट्र सरकार दूध में मिलावट के मामले को गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में रख सकती है।
मुंबई (पीटीआइ)। दूध में मिलावट के मामले में महाराष्ट्र सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। माना जा रहा है कि सरकार इसे गैर-जमानती अपराध की श्रेणी में रख सकती है और इसके तहत अपराधियों को तीन साल तक की जेल की सजा का प्रावधान करने पर विचार किया जा रहा है। राज्य के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री गिरीश बापट ने विधानसभा में कहा कि यदि दूध में मिलावट की सजा तीन साल तक बढ़ती है, तो आरोपी को जमानत के लिए कोई गुंजाइश नहीं होगी।
विधायकों ने कॉलिंग अटेंशन नोटिस के माध्यम से इस मुद्दे को उठाया था। इस दौरान बापट ने कहा कि वर्तमान में दूध में मिलावट जमानती अपराध है, जिसमें छह महीने तक सजा का प्रावधान है। उन्होंने कहा, 'अगर कारावास की अवधि तीन साल तक बढ़ जाती है, तो आरोपी के लिए जमानत की कोई गुंजाइश नहीं होगी। उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही इस संबंध में कानून लागू करेगी।
बता दें कि सदन के कई सदस्यों ने ऐसे अपराधों में अभियुक्तों के लिए आजीवन कारावास की सजा की मांग की है। लेकिन मंत्री ने ऐसा फैसला लेने पर कठिनाई का हवाला दिया है। बापट ने कहा कि वर्तमान में दूध में मिलावट के परीक्षण के लिए राज्य में चार मोबाइल वैन मौजूद हैं, हालांकि उन्होंने स्वीकार किया कि परीक्षण नियमित रूप से नहीं किया गया था। हालांकि उन्होंने आश्वासन दिया कि संबंधित अधिकारियों को नियमित परीक्षण करने के लिए कहा जाएगा। मंत्री ने कहा, 'मोबाइल वैन मुंबई और राज्य के कुछ अन्य हिस्सों में प्रवेश करने वाले दूध के वाहनों का अधिक बार परीक्षण करेंगे।'
इससे पहले भाजपा विधायक अमीत साटम ने दावा किया था कि मुंबई आने वाले लगभग 30 फीसद दूध मिलावटी होता है। उन्होंने कहा कि मोबाइल वैन की कमी और स्टाफ के कारण इसकी सही से जांच नहीं की जा रही है। भाजपा के सदस्य ने दूध, दवाओं और होटल में भोजन की जांच के लिए मौजूदा कानूनों में संशोधन की मांग की है।