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maharashtra government formation: जानें- अब क्या होगा, राज्यपाल के पास हैं कई विकल्प

जब तक नया मुख्यमंत्री नहीं मिल जाता तब तक राज्यपाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले देवेंद्र फड़नवीस को कार्यवाहक मुख्यममंत्री के तौर पर काम करने को कह सकते हैं।

By Sanjeev TiwariEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 07:31 AM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 08:43 AM (IST)
maharashtra government formation: जानें- अब क्या होगा, राज्यपाल के पास हैं कई विकल्प
maharashtra government formation: जानें- अब क्या होगा, राज्यपाल के पास हैं कई विकल्प

जेएनएन, नई दिल्ली। संविधान विशेषज्ञों के मुताबिक महाराष्ट्र में अगर किसी पार्टी की सरकार नहीं बन पाती है तो राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के सामने निम्न विकल्प हो सकते हैं :-

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-जब तक नया मुख्यमंत्री नहीं मिल जाता तब तक राज्यपाल मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले देवेंद्र फड़नवीस को कार्यवाहक मुख्यममंत्री के तौर पर काम करने को कह सकते हैं। संविधान के तहत जरूरी नहीं है कि मुख्यमंत्री का कार्यकाल विधानसभा के साथ ही खत्म हो जाए।

-राज्यपाल सबसे ज्यादा सीटें जीतने वाली पार्टी के किसी नेता को मुख्यमंत्री बना सकते हैं। ऐसे में भाजपा का मुख्यमंत्री बन सकता है। हालांकि मुख्यमंत्री बनने के बाद भाजपा को विधानसभा में बहुमत साबित करना होगा। फिलहाल जो हालात हैं उसमें लगता नहीं कि भाजपा बहुमत साबित कर पाएगी।

-राज्यपाल महाराष्ट्र विधानसभा को अपने नेता को चुनाव करने को कह सकते हैं। ऐसा सुप्रीम कोर्ट के एक फैसले के आधार पर किया जा सकता है। 1998 में शीर्ष अदालत ने उत्तर प्रदेश विधानसभा में ऐसा करने का आदेश दिया था।

-अगर इन तीनों विकल्पों से कोई सरकार नहीं बन पाती है तो राज्यपाल के सामने राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। इस स्थिति में राज्य की बागडोर केंद्र सरकार के हाथ में रहेगी। फिलहाल राज्य में जैसी स्थितियां हैं उसमें राष्ट्रपति शासन लगने की ही संभावना प्रबल है।

सोमवार को दिनभर चली मुंबई से दिल्ली तक ‘महा’ उठापटक

- शिवसेना के नेता अरविंद सावंत ने केंद्रीय मंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया।

- उद्धव ठाकरे ने राकांपा के मुखिया शरद पवार से मुंबई में की मुलाकात।

- कांग्रेस की दिल्ली में सुबह और शाम को दो बार बैठकें हुईं।

- सोनिया गांधी से उद्धव ठाकरे ने फोन पर की चर्चा, बाद में सोनिया ने जयपुर में ठहराए गए महाराष्ट्र के पार्टी विधायकों से चर्चा की।

- आदित्य ठाकरे और एकनाथ शिंदे शाम 6.45 बजे राज्यपाल से मिलने पहुंचे।

- रात करीब नौ बजे अजीत पवार राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे।

कांग्रेस-राकांपा को भी होगी शिवसेना की जरूरत

कांग्रेस के 44 और राकांपा के 54 विधायकों को मिलाकर संख्या 98 ही होती है। जबकि बहुमत सिद्ध करने के लिए 145 विधायकों की जरूरत होती है। जाहिर है, अब राकांपा सरकार बनाना चाहे तो उसे शिवसेना के 56 विधायकों की जरूरत पड़ेगी। देखना यह है कि कांग्रेस-राकांपा के समर्थन पत्र नहीं पहुंचने के कारण राजभवन से खुद खाली हाथ लौटी शिवसेना राकांपा-कांग्रेस को सरकार बनाने में मदद करती है या नहीं।


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