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महाराष्ट्र कैबिनेट ने राज्यपाल से फ‍िर की उद्धव ठाकरे को विधान परिषद भेजने की सिफारिश

महाराष्ट्र कैबिनेट ने एकबार फिर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधान परिषद में नामित करने का आग्रह किया है। जानें राज्‍य के सियासी हालात...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 27 Apr 2020 11:57 PM (IST)Updated: Mon, 27 Apr 2020 11:57 PM (IST)
महाराष्ट्र कैबिनेट ने राज्यपाल से फ‍िर की उद्धव ठाकरे को विधान परिषद भेजने की सिफारिश
महाराष्ट्र कैबिनेट ने राज्यपाल से फ‍िर की उद्धव ठाकरे को विधान परिषद भेजने की सिफारिश

मुंबई, पीटीआइ। महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी पर दबाव बनाने के प्रयास के तहत राज्य कैबिनेट ने सोमवार को फिर मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को विधान परिषद में नामित करने का आग्रह किया है। उद्धव ने पिछले साल 28 नवंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद संभाला था और उन्हें एक महीने के भीतर विधान परिषद का सदस्य बनना होगा। फिलहाल वह विधान मंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं हैं।

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उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में फैसला लिया गया कि सीएम उद्धव ठाकरे को विधान परिषद में नामित करने के लिए राज्यपाल कोश्यारी को एक बार फिर सिफारिश की जाएगी। चालू माह की शुरुआत में भी राज्यपाल से इस प्रकार की सिफारिश की गई थी। सीएम उद्धव चाहते थे कि वे चुनाव जीतकर विधानसभा सदस्य बनें, लेकिन लॉकडाउन के कारण सभी प्रकार के चुनाव स्थगित कर दिए गए और उनकी यह योजना आकार नहीं ले सकी।

इस बीच शिवसेना सांसद संजय राउत ने कोश्यारी की तरफ से हरी झंडी मिलने में हो रही देरी के लिए भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को निशाने पर लिया है। शिवसेना के मुखपत्र सामना में लिखे गए अपने कॉलम में राउत ने विश्वास जताया है कि उद्धव ठाकरे 27 मई के बाद भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री बने रहेंगे। उन्होंने लिखा, 'अगर राज्यपाल ने नामांकन फाइल पर हस्ताक्षर करने का फैसला किया है तो उन्हें जल्दबाजी करनी चाहिए। लेकिन, इसके लिए उन्हें दिल्ली के भाजपा नेताओं से पूछना होगा।'

मालूम हो कि उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में कभी विधानसभा का चुनाव नहीं लड़ा था। उनके बेटे आदित्य ठाकरे इस परिवार से चुनाव लड़ने वाले पहले सदस्‍य थे। चुनाव के बाद शिवसेना का उसकी सहयोगी भाजपा से रिश्ता बिगड़ गया। इसके बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर सरकार बना ली। गठबंधन करने वाले सहयोगियों ने उद्धव को मुख्यमंत्री बनाने का समर्थन किया जिसके बाद उद्धव ने सत्ता संभाल ली।


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