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मद्रास हाईकोर्ट ने जयललिता के भतीजे और भतीजी को सेकेंड लाइन कानूनी वारिस घोषित किया

मद्रास हाईकोर्ट ने भतीजे जे. दीपक और भतीजी जे. दीपा को जे. जयललिता की द्वितीय श्रेणी यानी सेकंड लाइन का कानूनी उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 27 May 2020 03:31 PM (IST)Updated: Wed, 27 May 2020 03:35 PM (IST)
मद्रास हाईकोर्ट ने जयललिता के भतीजे और भतीजी को सेकेंड लाइन कानूनी वारिस घोषित किया
मद्रास हाईकोर्ट ने जयललिता के भतीजे और भतीजी को सेकेंड लाइन कानूनी वारिस घोषित किया

चेन्नई, आइएएनएस। मद्रास हाईकोर्ट (Madras High Court) ने भतीजे जे. दीपक (J. Deepak) और भतीजी जे. दीपा (J. Deepa) को जे. जयललिता (J. Jayalalithaa) की द्वितीय श्रेणी यानी सेकंड लाइन का कानूनी उत्तराधिकारी घोषित कर दिया है। इसके साथ ही अदालत ने राज्‍य सरकार को दिवंगत पूर्व मुख्‍यमंत्री के निवास यानी वेद निलयम (Veda Nilayam) के एक हिस्से को स्मारक के रूप में बदलने का सुझाव दिया।

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हाईकोर्ट (Madras High Court) ने यह भी कहा कि वेद निलयम के किसी हिस्‍से को मुख्यमंत्री कार्यालय के रूप में भी इस्तेमाल किया जा सकता है। अदालत की ओर से तमिलनाडु सरकार को सुझावों का जवाब देने के लिए आठ हफ्ते की मोहलत दी गई है। हाईकोर्ट की दो सदस्यीय पीठ में जस्टिस एन. किरुबाकरन (Justice N. Kirubakaran) और जस्टिस अब्दुल कुद्दूस (Abdul Quddhose) शामिल थे।

पीठ ने जयललिता की संपत्तियों (Jayalalithaa's properties) के प्रबंधन के लिए एक प्रशासक नियुक्त करने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया। मालूम हो कि जयललिता की भतीजी दीपा और भतीजे दीपक ने अदालत से खुद को जयललिता का कानूनी वारिश घोषित किए जाने के लिए अदालत में याचिका लगाई थी। एक टेलीविजन चैनल से बात करते हुए दीपा ने अदालत फैसले पर खुशी जताई।

जयललिता की भतीजी दीपा ने कहा कि इसका श्रेय उनके भाई दीपक को जाना चाहिए। उल्‍लेखनीय है कि तमिलनाडु की सरकार की ओर से जयललिता के निवास स्थान को अस्थायी कब्जा करने के लिए अध्यादेश लाए जाने बाद अदालत का यह फैसला आया है। सरकार का कहना है कि जयललिता के निवास को स्मारक में बदला जाएगा। मुख्यमंत्री के. पलनीस्वामी ने पहले जयललिता के निवास को स्मारक में बदलने का एलान किया था।

बीते दिनों तमिलनाडु के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने दिवंगत मुख्यमंत्री जे. जयललिता के आवास को संग्रहालय में बदलने के लिए अस्थायी तौर पर अधिग्रहित करने का एक अध्यादेश जारी किया था। जयललिता की भतीजी दीपा ने सरकार के वेद निलयम के अधिग्रहण पर आपत्ति जताई थी और मद्रास हाईकोर्ट का रुख किया था। मालूम हो कि लंबी बीमारी के बाद दिसंबर 2016 में तमिनाडु की मुख्यमंत्री जयललिता का निधन हो गया था।


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