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चुनावी मैदान में जाने से पहले राहुल गांधी के सामने ही आपस में भिड़े दिग्गी और सिंधिया

केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने ज्योतिरादित्य और पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह आपस में ही भिड़ गए।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Thu, 01 Nov 2018 03:00 PM (IST)Updated: Thu, 01 Nov 2018 03:07 PM (IST)
चुनावी मैदान में जाने से पहले राहुल गांधी के सामने ही आपस में भिड़े दिग्गी और सिंधिया
चुनावी मैदान में जाने से पहले राहुल गांधी के सामने ही आपस में भिड़े दिग्गी और सिंधिया

नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। मध्यप्रदेश भाजपा को शिकस्त देने की ताल ठोक रही कांग्रेस के दिग्गज चुनाव से पहले टिकट बंटवारे को लेकर आपस में ही भिड़ गए हैं।

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पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच अपने समर्थक उम्मीदवारों को टिकट दिलाने पर बुधवार रात खींचतान इतनी बढ़ गई कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने ही दोनों के बीच खूब गरमा-गरमी हुई। दोनों दिग्गजों की खुली लड़ाई से असहज पार्टी हाईकमान ने अब इनके बीच टिकट बंटवारे का झगड़ा सुलझाने के लिए तीन वरिष्ठ नेताओं की समिति बना दी है।

कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत और पार्टी कोषाध्यक्ष अहमद पटेल के साथ वरिष्ठ नेता वीरप्पा मोइली की यह समिति दिग्गी राजा और सिंधिया ही नहीं प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के साथ मिलकर टिकट बंटवारे की रस्साकशी सुलझाने में जुटी है। हालांकि बुधवार देर रात और गुरुवार को मध्यप्रदेश के इन दिग्गजों के साथ इस तीन सदस्यीय समिति की हुई दो बैठकों के बाद भी टिकट बंटवारे का मामला अभी सुलझ नहीं पाया है।

मध्यप्रदेश के कांग्रेस उम्मीदवार तय करने के लिए बुधवार को पार्टी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक बुलाई गई थी। सूत्रों के अनुसार इसमें सीटवार उम्मीदवारों पर चर्चा के दौरान दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच कुछ सीटों पर अपने समर्थकों को उम्मीदवार बनाने पर बहस शुरू हो गई।

मामला इतना गरमाया कि यह बहस दोनों के बीच तीखी झड़प में बदल गई और राहुल गांधी को दखल देना पड़ा। बताया जाता है कि कांग्रेस अध्यक्ष ने दोनों नेताओं के इस रुख पर अपनी असहजता जाहिर की और इसी बैठक में यह तय किया कि अशोक गहलोत, अहमद पटेल और वीरप्पा मोइली सूबे के इन बड़े नेताओं के साथ बातचीत कर विवाद का निपटारा करेंगे।

टिकट विवाद सुलझाने के लिए राहुल के लिये गए इस फैसले के तत्काल बाद करीब ढाई बजे रात को गहलोत, पटेल और मोइली के साथ सिंधिया और दिग्विजय की बैठक भी हुई मगर कोई निष्कर्ष नहीं निकला। इसके बाद गुरूवार सुबह बैठक का दूसरा दौर हुआ मगर विवादित सीटों पर सहमति नहीं बन पायी। हालांकि इस बैठक के बाद संकेत जरूर दिये गए कि एक-दो दिन में मसला सुलझ जाएगा।

पार्टी दिग्गजों की आपसी भिड़ंत की वजह से ही केंद्रीय चुनाव समिति सूबे के कांग्रेस उम्मीदवारों की सूची पर मुहर नहीं लगा पायी और प्रत्याशियों की पहली सूची जारी नहीं हो सकी। मध्यप्रदेश में टिकट को लेकर दिग्गजों के बीच झगड़े की बात का हालांकि आधिकारिक तौर पर अशोक गहलोत ने खंडन किया। उनका कहना था इस चुनाव में सभी नेता पूरी तरह एकजुट हैं और उम्मीदवारों का चयन जल्द कर सूची जारी की जा सके इसलिए देर रात तक लंबी बैठकें चल रही हैं।

सिंधिया-दिग्विजय के झगड़े से राहुल नाराज
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया के बीच हुई गरमागहमी से राहुल गांधी काफी नाराज हैं। उन्होंने इस पूरे मामले को सुलझाने के लिए कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं की कमिटी बनाई है। कमिटी में अशोक गहलोत, अहमद पटेल और वीरप्पा मोइली शामिल हैं। बताया जा रहा है कि बुधवार देर रात तक कमिटी ने इस विवाद को सुलझाने की कोशिश की, लेकिन आंतरिक गतिरोध खत्म होने का नाम नहीं लिया।

फूट पडा था दिग्विजय का दर्द
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कभी कांग्रेस के चाणक्य कहे जाने वाले वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह को धीरे-धीरे किनारे किया जा रहा है। पहले उन्‍हें रैलियों और पोस्‍टरों से किनारे किया गया। अब उनके कार्यकर्ताओं को भी किनारे किया गया है और उनको टिकट नहीं मिल रहा है, यही कारण है कि वह टिकट को लेकर ज्‍योतिरादित्‍य सिंधिया से भिड़ गए।
कुछ दिनों पहले कार्यकर्ताओं के बीच वेदना प्रकट करते हुए दिग्विजय सिंह ने कहा किया कि मेरे भाषण से कांग्रेस के वोट कटते हैं, इसलिए मैं रैलियों में नहीं जाता।' माना जाता है कि मध्‍य प्रदेश में दिग्विजय सिंह की पकड़ जमीनी स्‍तर पर है। छह महीने तक चली नर्मदा यात्रा के जरिये उन्‍होंने लोगों को कांग्रेस से जोड़ने को प्रयास किया था।

जानकारी के मुताबिक, दिग्विजय सिंह कुछ दिनों पहले कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी के घर पहुंचे थे और वहां से बाहर निकलते हुए कांग्रेस कार्यकर्ताओं से उनका सामना हो गया, जो उनके इंतजार में बाहर खड़े थे। इस दौरान दिग्विजय सिंह ने कार्यकर्ताओं से कहा, 'देखते रह जाओगे। ऐसे सरकार नहीं बनेगी। जिसको टिकट मिले, चाहे दुश्मन को टिकट मिले, जिताओ।'

भाजपा का कांग्रेस की अंतर्कलह पर तंज 
कांग्रेस की अंतर्कलह सामने आने के बाद भाजपा ने भी उसपर तंज कसने का कोई मौका नहीं छोड़ा है। भाजपा प्रवक्ता संबित पात्रा ने इस पर तंज कसते हुए कहा कि दोनों नेताओं में हाथापाई की नौबत तक आ गई और राहुल बस देखते रहे।

गौरतलब है कि इस महीने 28 नवंबर को मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए मतदान होना है। भाजपा पिछले 15 सालों से यहां सत्ता पर काबिज है। कांग्रेस इस बार हर हाल में भाजपा का किला जीतने की कोशिश में जुटी है। ऐसे में पार्टी की यह अंतर्कलह कांग्रेस के लिए नुकसानदायक हो सकती है।


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