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मध्य प्रदेश: कोरोना संकट के बीच शिवराज सरकार के इन फैसलों ने संक्रमण को नियंत्रण में कर घुमाया आर्थिक पहिया

प्रवासी श्रमिकों का सीमा राज्यों से आने का सिलसिला जारी था। इस बीच शिवराज सिंह चौहान ने कई काम किए। आपको जानना चाहिए।

By Nitin AroraEdited By: Published: Thu, 02 Jul 2020 10:22 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jul 2020 10:22 AM (IST)
मध्य प्रदेश: कोरोना संकट के बीच शिवराज सरकार के इन फैसलों ने संक्रमण को नियंत्रण में कर घुमाया आर्थिक पहिया
मध्य प्रदेश: कोरोना संकट के बीच शिवराज सरकार के इन फैसलों ने संक्रमण को नियंत्रण में कर घुमाया आर्थिक पहिया

भोपाल , जेएनएन। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 23 मार्च को जब चौथी बार प्रदेश सरकार की बागडोर संभाली, तब कोरोना संकट के हालात थे। इंदौर, उज्जैन से लेकर कई जिलों में कोरोना पैर पसार रहा था। आर्थिक गतिविधियां ठप थीं। प्रवासी श्रमिकों का सीमा राज्यों से आने का सिलसिला जारी था। ऐसे में एक के बाद एक तेजी के साथ फैसले करते हुए आज न सिर्फ कोरोना संक्रमण की स्थिति नियंत्रण में है, बल्कि आर्थिक गतिविधियों का पहिया भी घूमने लगा है। गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीद की बात हो या फिर प्रवासी श्रमिकों की रोजी--रोटी की चिंता, हर मोर्चे पर शिवराज सरकार ने कदम उठाए।

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इसका ही नतीजा है कि 129 लाख टन गेहूं की रिकॉर्ड खरीद प्रदेश में हुई। बिजली उपभोक्ताओं को भारी--भरकम बिजली बिलों से राहत दिलाने के लिए 623 करो़़ड रपये की छूट देने के साथ प्रवासी श्रमिकों का प्रामाणिक सर्वे भी कराया गया। शिवराज सरकार ने सौ दिन में ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है, जिसको लेकर निर्णय न लिए हों।

यहां किया गया काम

- किसानों की खेतों में पककर ख़़डी फसल की कटाई के लिए नियमों में छूट देने के साथ केंद्र ब़़ढाकर खरीदी की गई। 129 लाख टन गेहूं 15 लाख से ज्यादा किसानों से खरीदकर देश में पहला मुकाम हासिल किया। साथ ही सहकारी बैंकों से लिए कर्ज को चुकाने की अवधि में वृद्धि, निजी कृषिष उपज मंडी की स्थापना और सौदा पत्रक के माध्यम से व्यापारियों को किसानों के खेत व घर से गेहूं खरीदने का अधिकार, मनरेगा में 45 लाख से ज्यादा ग्रामीणों को रोजगार, संबल योजना के हितग्राहियों को विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने जैसे कदम उठाए गए।

- उद्योग क्षेत्र के लिए श्रम कानूनों में संशोधन किए। एक लाइसेंस से पूरे प्रदेश में काम करने, 18 सेवाओं की अनुमति एक दिन में देने, 12 घंटे की पाली में काम कराने और बिजली के फिक्स चार्ज की वसूली बिना किसी जुर्माने के साथ छह माह बाद किस्तों में करने की सुविधा दी गई।

- महिलाओं को मास्क बनाने का काम दिया गया। महिला स्व--सहायता समूहों को सरकारी स्कूलों के छात्रों की गणवेश बनाने और पूरक पोषषण आहार तैयार करने का जिम्मा सौंपने का निर्णय लिया गया। महिलाओं के जनधन खातों में 500--500 रपये जमा किए गए।

- खाद्य सुरक्षा कानून के दायरे में आने वाले परिवारों को एक माह का राशन नि:शुल्क देने के साथ ऐसे पौने नौ लाख परिवार जो पात्र होने के बावजूद राशन नहीं ले पा रहे थे, उन्हें राशन दिलाया गया। प्रदेश में रके अन्य राज्यों के श्रमिकों को मई और जून के लिए पांच किलो गेहूं और एक किलोग्राम दाल दी गई। वन नेशन--वन राशन कार्ड योजना के तहत भी अन्य राज्यों के प्रदेश में ठहरे हितग्राहियों को राशन उपलब्ध कराया गया।

- संक्रमण की रोकथाम में अधिकारियों--कर्मचारियों को कोरोना योद्धा घोषिषत करके कार्य के दौरान निधन होने पर परिजनों को 50 लाख रपये की सहायता देने की योजना लागू की गई। प्रतिदिन समीक्षा करने के साथ अन्य क्षेत्रों में भी सरकार ने कई कदम उठाए।

- श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिए निर्माण क्षेत्र में 38 हजार करो़़ड रपये से ज्यादा के चार हजार से अधिक काम शुरू कराए गए।

- पंच-परमेश्वर योजनाओं के माध्यम से 22 हजार 811 पंचायतों के लिए डे़़ढ हजार करो़़ड रपये से ज्यादा की राशि जारी की गई।

- रियल एस्टेट क्षेत्र में पंजीकृत परियोजनाओं को पंजीयन अवधि में छह माह की छूट दी गई।


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